सुनीता विलियम्स और बुच विल्मॉर का ISS से पृथ्वी पर ज़िंदा वापस लौटना हुआ मुश्किल, अगर वापसी की कोशिश की तो ब्लास्ट हो सकता है स्पेसक्राफ्ट
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मॉर ISS में पिछले 80 दिनों से फंसे हुए हैं। दोनों एस्ट्रोनॉट्स ने 5 जून 2024 को ISS के लिए उड़ान भरी थी। इस मिशन की अवधि 8 दिन थी। अब दोनों स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण अंतरिक्ष में अटके हुए हैं।
भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स ने अपने साथी बुच विल्मॉर के साथ पांच जून को अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरी थी। दोनों Starliner अंतरिक्ष यान के जरिए 8 दिन के मिशन पर स्पेस सेंटर में गए थे। स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आने के बाद उनकी वापसी फिलहाल संभव नहीं हो पा रही है। हालांकि NASA उन्हें वापस लाने की भरपूर कोशिश कर रहा है। इस बारे में नासा और स्पेस एक्स के बीच बातचीत चल रही है।
स्टरलाईनर में हीलियम लीक
जिस अंतरिक्ष यान से वे अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र गए थे उस यान में हीलियम लीक होने और थ्रशर में खराबी आने के कारण विलियम्स और विल्मॉर की वापसी में देरी हो रही है।
दोनों एस्ट्रोनॉट्स का ज़िंदा लौटना मुश्किल
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि अगर सुनीता विलियम्स और बुच स्टारलाइनर से वापस आते हैं तो उनका ज़िंदा वापस लौटना मुश्किल हो सकता है। वापसी के दौरान उनकी जान भी जा सकती है। अमेरिका के सैन्य अंतरिक्ष मामलों के कमांडर रह चुके रूबी रिडोल्फी ने बताया कि अगर वे बोईंग स्टरलाइनर से वापस आते हैं तो उनकी जान को खतरा हो सकता है।
ब्लास्ट हो सकता है स्पेसक्राफ्ट
रिडोल्फी के अनुसार, अंतरिक्ष यान की वापसी अगर गड़बड़ी हुई तो बड़ी समस्या आ सकती है। थ्रशर में खराबी आने कारण स्टारलाइनर अंतरिक्ष में ही फंस सकता है। अगर ऐसा हुआ तो सुनीता और उनके साथी के पास जीने के लिए 96 घंटे की ऑक्सीजन बचेगी। इसके अलावा थ्रशर में खराबी के कारण कैप्सूल अंतरिक्ष में उछलकर वापस भी जा सकता है। गलत एंगल से आने के कारण कैप्सूल में आग भी लग सकती है, जिससे दोनों एस्ट्रोनॉट्स की जान भी जा सकती है।
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अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी अपने दोनों एस्ट्रोनॉट्स को ISS से सकुशल वापस लाने की कोशिश कर रही है। एजेंसी इस सप्ताह इस बारे में फैसला लेगी कि क्या दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया कैप्सूल ISS में भेजना सही रहेगा या नहीं। नासा के कई अधिकारी इस बारे में 24 अगस्त को बैठक कर सकते हैं।