Siddique Kappan gets bail: हाथरस में हिंसा फ़ैलाने के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को लखनऊ जेल से रिहा कर दिया गया है।
Siddique Kappan: 850 दिन बाद रिहा हुए सिद्दीकी कप्पन
5 अक्टूबर 2020 को सिद्दीकी कप्पन सहित पांच लोगों को मथुरा टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा था कि सिद्दीकी कप्पन का पीएफआई से कनेक्शन है और वह अपने साथियों के साथ हाथरस में हिंसा फ़ैलाने की योजना बना रहा था।
लोगों को भड़काने सहित कई आरोपों में गिरफ्तार
साल 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड के बाद लोगों को भड़काने सहित कई आरोपों में गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को आज लखनऊ जेल से रिहाई मिल गई है। उन्हें जेल 850 दिन बिताने के बाद रिहाई मिली है। इससे पहले हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने पिछले साल 23 दिसंबर को सिद्दीकी कप्पन को प्रवर्तन निदेशालय के धन शोधन मामले में जमानत मिली थी। उन्हें जेल में 2 साल 4 महीने बिताने के बाद बेल मिली है।
हाथरस में एक दलित युवती रेप और हत्या
सिद्दीकी कप्पन और उसके साथियों को साल 2020 में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वे हाथरस में एक दलित युवती के रेप और हत्या की कवरेज करने जा रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सिद्दीकी कप्पन और उसके साथियों को हाथरस में हिंसा फ़ैलाने की प्लानिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। कप्पन पर पीएफआई से कनेक्शन का भी आरोप लगा था।
कप्पन को मिली सशर्त जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सशर्त जमानत दी है। उन्हें लखनऊ जेल से छूटने के बाद 6 हफ्तों तक दिल्ली में रहना होगा। उन्हें दिल्ली के निजामुद्दीन पुलिस थाने में हर सोमवार हाजिरी लगानी होगी। इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा।
सिद्दीकी कप्पन को गैर क़ानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम ( UAPA ), आईटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह हाथरस गैंगरेप पीड़िता की हत्या को कवर करने जा रहे थे।
केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को 5 अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया था। यूपी पुलिस के अनुसार, कप्पन कट्टरपंथी समूह PFI से जुड़े हैं। सिद्दीकी कप्पन भारतीय दंड संहिता की धारा, 120B, 124A, 153A और 295A के तहत जेल में बंद थे। Published on: Feb 2, 2023 at 12:21