Devika Rani को बॉलीवुड की फर्स्ट लेडी के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने 1933 में रिलीज हुई कर्मा फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी। Karma पहली बोलती मूवी थी।
Devika Rani का जन्म, परिवार और शिक्षा
देविका रानी का जन्म 30 मार्च 1908 को विशाखापत्तनम में हुआ था। देविका एक प्रतिष्ठित और शिक्षित परिवार से थीं। उनके पिता कर्नल मनमथनाथ चौधरी भारत के पहले सर्जन जनरल थे। रानी रवींद्रनाथ टैगोर की भतीजी थीं। टैगोर की वजह से ही उनकी साहित्य और कला में रूचि बढ़ीं थी। उन्होंने लंदन के रॉयल अकादमी ऑफ़ डामाटिक आर्ट ( RADA) और रॉयल अकादमी ऑफ़ म्यूजिक से शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने एक्टिंग, डांस और फिल्म निर्माण से जुडी तकनीकों का भी अध्ययन किया।
देविका रानी का फ़िल्मी करियर
Devika Rani ने 1933 में कर्मा फिल्म के जरिए हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया था। इस फिल्म में उन्होंने अभिनेता हिमांशु राय के साथ मुख्य भूमिका निभाई थी। कर्मा एक हिंदी और अंग्रेजी फिल्म थी। जिसे यूरोप में बहुत पसंद किया गया। देविका रानी ही पहली ऐसी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा का सबसे लंबा किसिंग सीन दिया था। कर्मा फिल्म में लगभग चार मिनट का चुंबन दृश्य फिल्माया गया था। जो Cafe DE Paris, London में शूट हुआ था।
बांबे टाकीज की स्थापना
देविका रानी और उनके पति अभिनेता हिमांशु ने 1934 में बांबे टाकीज की स्थापना की थी। इस स्टूडियो ने अशोक कुमार और दिलीप कुमार जैसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं को लॉन्च किया।
देविका रानी की फिल्में
1933 में कर्मा फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री देविका रानी ने अछूत कन्या ( 1936 ), जीवन प्रभात ( 1937 ), इज्जत ( 1937) और निर्मला (1938 ) जैसी हिंदी फिल्मों में काम किया। फिल्मो में देविका रानी का अभिनय भावनात्मक और प्रभावशाली होता था। उनकी सुंदरता, शालीनता और अभिनय ने उन्हें हिंदी सिनेमा की शीर्ष अभिनेत्री बनाया।
देविका रानी का विवाह
देविका रानी ने 1929 में फिल्म निर्माता और अभिनेता हिमांशु राय संग विवाह किया था। दोनों की जोड़ी ने हिंदी सिनेमा में अहम योगदान दिया। 1945 में देविका रानी ने पति हिमांशु राय की मृत्यु के बाद रुसी चित्रकार “स्वेतोस्लाव रोएरिच” से दूसरी शादी की थी और धीरे धीरे फिल्म इंडस्ट्री से दुरी बना ली थी।
पुरस्कार और सम्मान
अभिनेत्री देविका रानी को 1958 में भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। 1969 में उन्हें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करने वाली पहली अभिनेत्री थीं।
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देविका रानी का निधन
देविका रानी (Devika Rani) का निधन 7 मार्च 1994 को बेंगलुरु में हुआ था। उनके इस दुनिया से जाने के बाद भी उनकी विरासत भारतीय सिनेमा में जीवित है।