दुनिया भर में कहर बरपाने वाले Coronavirus की वजह से अब तक 17 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में इस वायरस की वजह से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 512 हैं।
भारत सहित कई देशों Coronavirus महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया है। दुनिया भर के डॉक्टर इस बीमारी का इलाज और वैक्सीन ढूंढने में लगे हुए हैं। इन सबके बीच एमिटी यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर नारायण ऋषि ने कोरोना वायरस से जुड़ी अहम जानकारी दी है।
डॉक्टर ऋषि ने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) गंभीर तीक्ष्ण श्वसन लक्षण यानी सोर्स ( SARS) या फिर मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम यानी मेरस (MERS ) परिवार का हिस्सा है। डॉक्टर ऋषि के अनुसार इन दोनों वायरस ने दुनिया को बहुत डराया था। अब इनके परिवार कोरोना विरडी का सदस्य कोरोना वायरस दुनिया में दहशत फैला रहा है।
डॉक्टर नारायण ऋषि ने कहा कि आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक कोरोना वायरस का इलाज इन दोनों वायरस के दौरान होने वाले इलाज पर आधारित है। ऐसा इसीलिए क्योंकि ये तीनों एक ही परिवार से हैं और एक दूसरे से मिलते जुलते हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस RNA वायरस है। SORS और MERS के इलाज के लिए जो दवाइयां इस्तेमाल में लाइ गई थी उन्ही का इस्तेमाल कोरोना वायरस के इलाज में हो रहा है। मलेरिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाई भी काफी कारगर साबित हो रही है।
कोरोना स्पेनिश भाषा का शब्द है, जिसका हिंदी में मतलब ताज ( सिंहासन )है।यह बहुत छोटा होता है। माइक्रोस्कोप में इसको ढाई लाख गुणा बढ़ाकर देखा जा सकता है। इसकी शक्ल ताज जैसी होती है।