World Aids Day : विश्व एड्स दिवस सबसे पहले वर्ष 1987 को जेम्स डब्ल्यू बून और थॉमस नेटर ने मनाया था।
हर साल विश्व एड्स डे 1 दिसंबर को मनाया जाता है। इसकी 1 दिसंबर को मनाने की शुरुआत 1988 में हुई थी। इसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण से होने वाली बीमारी एड्स के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है। वर्तमान समय में एड्स सबसे घातक और लाईलाज बीमारी है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार 37.9 लोग एचआईवी के शिकार हो चुके हैं। इसी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में हर रोज 980 बच्चे एचआईवी संक्रमण से ग्रषित पैदा होते हैं। जिनमें से 320 की मौत हो जाती है। वहीँ भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में एचआईवी के रोगियों की संख्या 2.1 मिलियन है।अक्षय कुमार ने हैदराबाद पशु चिकित्सक प्रियंका रेड्डी की निर्मम हत्या पर सख्त कानून बनाने की मांग की
एड्स/एचआईवी होने के कारण:-
असुरक्षित संबंध बनाने ,संक्रमित खून चढाने,एचआईवी पॉजिटिव महीला के बच्चे ,इंजेक्शन की सुईओं को बार बार यूज करना ,दंपति जीवन को छोड़कर दूसरी महिलाओं से संबंध बनाना जैसे कई कारण हैं जिनकी वजह से एड्स होता है।ऐश्वर्या राय बच्चन की फोटो को मिली फ्रेंच वर्कबुक के कवर पेज पर जगह
लक्षण:-
बुखार आना,ठंड लगना,थकान ,पसीना आना ,भूख कम लगना ,उल्टी आना ,वजन घटना ,दस्त लगना ,सांस लेने में तकलीफ होना और कमजोरी महसूस करना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं।