नागरिकता कानून को लेकर देशभर में चल रहे हैं प्रदर्शन।
भारत में चार तरीकों से मिलती है नागरिकता।
पिछले कुछ दिनों से देश में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है। इस बिल के पक्ष और विरोध में देश के हर हिस्से में प्रदर्शन हो रहे हैं। अब सवाल यह आता है कि भारत की नागरिकता कैसे मिलती है और यहां का नागरिक कौन होता है। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे मिलती है भारत की नागरिकता।
नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार का कहना है कि इससे किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता को खतरा नहीं है। दूसरी तरफ कुछ विपक्षी दलों की दलील है कि लोगों को धर्म के आधार पर नागरिकता दी जा रही है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में काफी विरोध प्रदर्शन हो रहे है और कई लोगों की जान भी चली गई है।
भारत में नागरिकता चार तरीके से मिलती है। आइए आपको बताते हैं, ये कौन से तरीके हैं।
- देशीकरण के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर भारत में 12 साल तक रहे और नागरिकता के आवेदन से एक साल पहले तक यहां रहा हो तो उसे भारत की नागरिकता हासिल हो सकती है।
- पंजीकरण से नागरिकता उसे हासिल होती है जो भारतीय मूल का व्यक्ति आवेदन करने के पहले सात साल तक भारत में रहा हो।
- वंशज होने के नाते भी भारत की नागरिकता हासिल की जा सकती है। जिसके तहत वो व्यक्ति आते हैं जिनके माता-पिता जन्म से भारतीय नागरिक हैं ,लेकिन उनका खुद का जन्म किसी दूसरे देश में हुआ हो,वो व्यक्ति भारत की नागरिकता हासिल कर सकता है।
- जन्म से नागरिकता उन्ही लोगों को मिलती है जो 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच भारत में पैदा हुआ हो। बेशक उसके माता-पिता कहीं के भी रहने वाले क्यों न हों।
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