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एलजी मनोज पांडे आज संभालेंगे थल सेना प्रमुख का कार्यभार, जनरल एमएम नरवणे की लेंगे जगह

भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जनरल नरवणे का कार्यभार एलजी मनोज पांडे संभालेंगे। वह देश की थल सेना के 29 वे चीफ के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जनरल नरवणे का कार्यभार एलजी मनोज पांडे संभालेंगे। वह देश की थल सेना के 29 वे चीफ के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

इंडियन आर्मी के पराक्रमी और अनुभवी अफसर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे आज देश के नए सेना प्रमुख के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। वह देश के 29 वे थल सेना प्रमुख होंगे। इससे पहले भारतीय सेना में इंजीनियर कोर (द बॉम्बे सैपर्स ) में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। एलजी मनोज पांडे सेना में ऐसे पहले अधिकारी होंगे जो इंजीनियर कोर की तरफ से थल सेना प्रमुख की कमान संभालेंगे। इससे पहले 28 बार पैदल सेना, बख्तरबंद रेजिमेंट और राजपुताना राइफल्स सहित कई अन्य ग्रुपों के अधिकारी इंडियन आर्मी के प्रमुख बनते रहे हैं। एलजी पांडे अभी तक सेना के उप प्रमुख हैं। उनके सेना प्रमुख बनाए जाने का एलान इसी साल 18 अप्रैल को किया गया था।

1982 में लिया कमीशन

जनरल जनरल एमएम नरवाने आज 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं उ.नकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे लेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे अपनी 39 साल की सेवा के दौरान अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख रहे हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा के पास इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली है। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में एक डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली है। यही नहीं जनरल पांडे संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा अतिरिक्त महानिदेशक दक्षिणी कमान के हेड क्वार्टर में चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

परिवार के बारे में

जन्म मनोज सी पांडे का ताल्लुक महाराष्ट्र नागपुर से है। उनके पिता चंद्रशेखर जी पांडे नागपुर यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष थे। उनकी मां प्रेमा पांडे ऑल इंडिया रेडियो एनाउंसर रह चुकी हैं। जबकि की पत्नी अर्चना पांडे डेंटिस्ट है। उनका बेटा और बेटे की पत्नी दोनों इंडियन एयरफोर्स में पायलट हैं ।

मेडल

अपने 39 साल की सेना में सेवा के लिए उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल, परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और सेना प्रमुख के प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है।

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