Madhapar Village: गुजरात का माधापार है एशिया का सबसे अमीर गांव

Madhapar village: एशिया का सबसे अमीर गांव माधापार, गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है। गांव की आबादी 32000 है और यहां लोगों ने 17 बैंकों में 7000 करोड़ का FD किया हुआ है।

Madhapar village की आर्थिक स्थिति

कच्छ जिले के माधापार गांव की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत है कि यह कई बड़े शहरों की अर्थव्यवस्था को टक्कर देती है। इस गांव के 17 बैंकों में जमा राशि 7000 करोड़ रुपए के करीब है। जिसमें से ज्यादातर फिक्सड डिपॉजिट है।

माधापार गांव के बैंक

गांव में 17 प्रमुख बैंकों की शाखाएं हैं, जिनमें ICICI, SBI, HDFC, PNB, Axis बैंक और यूनियन बैंक सहित कई बड़े बैंक शामिल हैं। इतने सारे बैंकों का एक गांव में होना अपने आप में एक बड़ी बात है। और भी कई बैंक यहां अपनी ब्रांच खोलने वाले हैं।

औसतन गांव के प्रति व्यक्ति ने बैंक में 20 लाख के करीब जमा किया हुआ है। इसके अलावा माधापार गांव के डाकघर में 200 करोड़ रुपए जमा हैं।

माधापार गांव की कुल आबादी

2011 की जनगणना के अनुसार इस गांव की आबादी 17000 हजार के करीब थी जो अब बढ़कर 32000 हो गई है। गांव में लगभग 20000 घर हैं।

गांव की समृद्धि का राज

माधापार गांव की इस अकूत संपदा का सबसे बड़ा कारण यहां के NRI हैं। जो विदेशों में पैसा कमाते हैं। गांव की कुल आबादी का 64 प्रतिशत हिस्सा विदेशों में रहता है। यहां के लोग अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, जर्मनी और खाड़ी जैसे देशों में रहते हैं। ये सभी एनआरआई अपने गांव के आर्थिक योगदान में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

माधापार गांव के नॉन इंडियन रेजिडेंट अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा अपने गांव के बैंकों और डाकघर में जमा करते हैं। वे न केवल अपने परिवारों का आर्थिक सहयोग करते हैं बल्कि गांव के विकास कार्यों में भी निवेश करते हैं। वे गांव के स्कूल, कॉलेज, अस्पतालों में भी आर्थिक सहयोग देते हैं।

लोगों का जीवन स्तर और आधुनिक सुविधाएं

यह गांव न केवल अपनी उच्च आर्थिक स्थिति के लिए जाना जाता है बल्कि आधुनिक सुविधाओं और लाइफ स्टाइल के लिए भी जाना जाता है। इस गांव ने अपनी आर्थिक स्थिति और आधुनिकता के मामले में भारत के कई शहरों को पीछे छोड़ दिया है।

Madhapar village में पक्की गलियां और सडकें हैं। यहां 24 घंटे बिजली पानी की आपूर्ति होती है। इसके अलावा झीलें, पार्क और कम्युनिटी हॉल भी हैं। यहाँ प्ले स्कूल, हाई स्कूल और कॉलेज हैं। गांववालों के पास आधुनिक बंगले और लग्जरी कारें आम बात है। गांव के हर घर में कम से कम एक लग्जरी कार खड़ी है।

कृषि और स्थानीय रोजगार

माधापार गांव (Madhapar village) की समृद्धि का मुख्य आधार यहां के NRI हैं, लेकिन गांव की अर्थव्यवस्था में कृषि और अन्य रोजगारों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। यहां मक्का, गन्ना और आम की खेती मुख्य रूप से की जाती है। फसल की पैदावार का निर्यात मुंबई जैसे बड़े शहरों में होता है।

माधापार गांव का इतिहास

माधापार गांव की स्थापना 12वीं शताब्दी में मिस्त्री समुदाय द्वारा की गई थी, जो गुजरात के मंदिरों और  ऐतिहासिक निर्माण के लिए प्रसिद्ध हैं। समय के साथ साथ इस गांव में पटेल समुदाय की आबादी बढ़ी और उन्होंने अपनी व्यापारिक कुशलता से इसे समृद्ध बनाया।

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