पश्चिम बंगाल के कोलकाता और नंदीग्राम में किसान महापंचायत करेंगे किसान नेता राकेश टिकैत, नहीं बनेंगे किसी अन्य दल का राजनीतिक कंधा
मार्च 13, 2021 | by pillar
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आज शनिवार के दिन पश्चिम बंगाल कोलकाता और नंदीग्राम में महापंचायत करेंगे।
नंदीग्राम में किसान Mahapanchayat
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 का दंगल शुरू हो चुका है। सभी सियासी पार्टियों में घमासान मचा हुआ है । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की सबसे हॉट सीट नंदीग्राम में हर पार्टी के नेता अपना दांवपेच लगा रहे हैं।
इन सबसे इतर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान महापंचायत में और धरना प्रदर्शन जारी है। इसी सिलसिले में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में सुबह 11:00 बजे किसानों की महापंचायत में हिस्सा लेंगे और शाम को 4:00 बजे केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना भाषण देंगे।
Mahapanchayat की राकेश टिकैत ने दी ये जानकारी
किसान नेता राकेश टिकैत ने यह जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट पर दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा,” कल बंगाल के नंदीग्राम वह कोलकाता में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करूंगा । कल बंगाल किसान और जवान का होगा।”
हालांकि राकेश टिकैत ने शुक्रवार के दिन स्पष्ट करते हुए कहा कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए अपना कंधा नहीं देंगे । उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा बीजेपी को वोट ना देने की अपील के खिलाफ हैं । किसान यूनियन के अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि हमारे कंधे इतने कमजोर नहीं है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का सहारा बने।
गुरनाम सिंह चढूनी ने की Mahapanchayat
इससे पहले 11 मार्च को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने भी एक ट्वीट करते हुए पश्चिम बंगाल में Mahapanchayat करने की जानकारी दी थी । उन्होंने यह महापंचायत कोलकाता के भवानीपुर खालसा स्कूल ऑडिटोरियम में शुक्रवार शाम 5:00 बजे की।
बता दें कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को 100 से भी ज्यादा दिन हो गए हैं । कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की बैठकर भी हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही।
वेस्ट बंगाल में किसान नेताओं की यह महापंचायत भारतीय जनता पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाएगी इसके लिए चुनाव नतीजों का इंतजार करना होगा । लेकिन किसानों का यह दाव बंगाल में बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
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