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Major Dhyan Chand : राजीव गांधी की जगह अब खेल रत्न पुरष्कार का नाम बदलकर रखा गया मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरष्कार, पीएम मोदी बोले-काफी लोगो की रिक्वेस्ट के बाद लिया गया फैसला 

भारतीय खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाले अब तक का सर्वोच्च सम्मान राजीव गाँधी खेल रत्न पुरष्कार था, जिसे आज बदलकर हॉकी के जादूगर के नाम पर  "मेजर ध्यान खेल रत्न पुरष्कार" कर दिया गया है। 

भारतीय खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाले अब तक का सर्वोच्च सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरष्कार था। जिसे आज बदलकर हॉकी के जादूगर के नाम पर “मेजर ध्यान खेल रत्न पुरष्कार” कर दिया गया है।

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए आज बहुत बड़ी घोषणा की है। दरअसल अब तक खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार का नाम राजीव गांधी खेल रत्न पुरष्कार था। खेल क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान राजीव गांधी पुरष्कार को अब बदलकर अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरष्कार कर दिया गया है। मेजर ध्यान चंद को हॉकी के जादूगर के नाम से भी जाना जाता है।

देशवासियों के आग्रह पर लिया गया फैसला-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियो का ये आग्रह सामने आया है कि खेल रत्न पुरष्कार का नाम मेजर ध्यान चंद जी को समर्पित किया जाये। लोगो की भावनाओ को देखते हुए अब इसका नाम मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरष्कार किया जा रहा है। जय हिन्द।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि,”मेजर ध्यान चंद भारत के उन अग्रणियों खिलाडियों में से थे जो भारत के लिए गौरव और सम्मान लाए। यही सही है और हमारे देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्ही के नाम पर रखा जायेगा।

कौन थे मेजर ध्यान चंद

मेजर ध्यान चंद को हॉकी के जादूगर के नाम से जाना जाता था। जब वे हॉकी खेलने के लिए मैदान में उतरते थे तो बॉल उनकी हॉकी से ऐसे चिपकती थी मानों  उनकी हॉकी में कोई चुम्बक या फिर गोंद लगा हो। इन्हीं कारणो के चलते एक बार होलैंड और जापान में उनकी हॉकी को तुड़वाकर भी देखा गया। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया। मेजर ध्यान चंद ने तीन बार ओलिंपिक में भारत के लिए गोल्ड मैडल जीते थे। भारत सरकार की तरफ से उन्हें साल 1956 में पद्म भूषण अवार्ड से भी नवाजा गया था।

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