Malkhan Singh: 7 फरवरी 1968 को हुआ था AN-12 विमान हादसा, हादसे में शहीद हुए जवान मलखान सिंह का शव तिरंगे में लिपट कर 56 साल बाद घर लौटा

Malkhan Singh 7 फरवरी 1968 को AN-12 विमान हादसे में शहीद हुए थे। प्लेन क्रैश में भारतीय सेना के 102 जवानों की जान चली गई थी। मलखान सिंह का शव 56 साल बाद मिला है।

Malkhan Singh का शव बरामद

भारतीय वायुसेना के एक शहीद जवान Malkhan Singh का शव 56 साल बरामद हुआ

AN-12 विमान हादसे में शहीद हुए थे मलखान सिंह

भारतीय वायुसेना के जवान मलखान सिंह ( Malkhan Singh) का पार्थिव शरीर AN 12 विमान हादसे के 56 साल बाद बरामद हुआ है। चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भर रहा विमान लेह के ग्लेशियर में क्रैश हो गया था। इस विमान हादसे में भारतीय सेना के 102 जवान शहीदो गए थे। दुर्घटनाग्रस्त पल्रेन बर्फ में घुस गया था। उस समय किसी भी सैनिक की बॉडी बरामद नहीं हुई थी। क्योंकि विमान हादसे के बाद लापता हो गया था, काफी सर्च के बाद भी नहीं मिला था।

7 फरवरी 1968 को हुआ था AN-12 विमान हादसा

1968 में हुए विमान हादसे में अपनी जान गंवा चुके भारतीय सेना के जवान मलखान सिंह का उस समय कोई पता नहीं चला था। घर वालों को मलखान का पार्थिव शरीर भी नहीं मिला था। अब लगभग 56 वर्ष बाद मलखान का शव मिलने के बाद जवान के घर वाले हैरान हैं। परिवार वाले इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि आखिरकार इतनसे वर्षों तक किसी का शव कैसे मिल सकता है। वायुसेना की आधिकारिक पुष्टि के बाद परिवार वालों को इस बारे में यकीन हुआ।

इसमपाल सिंह ने यूपी के सहारनपुर में रह रहे शहीद मलखान सिंह के पौते मनीष और गौतम को उनके दादा के पार्थिव शरीर के मिलने की जानकारी दी।

पौत्र गौतम ने बताया,”हमे कल सुबह नौ बजे के करीब यह सुचना मिली थी कि हमारे दादा जी का शव मिल गया है। दादा जी भारतीय वायुसेना में थे। वे चंडीगढ़ से लेह के लिए उस विमान में रवाना हुए थे, जिसका आज से 56 वर्ष पहले हादसा हुआ था। हादसे के बाद जहाज बर्फ में समा गया था। जिस कारण दादा जी सहित अन्य सैनिकों के कोई अता पता नहीं चला। अब उनके शव मिलने की जानकारी के बाद पुरे फतेहपुर गांव में ख़ुशी और गम का माहौल है।

मंगलवार के दिन मलखान सिंह के छोटे भाई इसमपाल सिंह को इस बात की जानकारी दी गई कि उनके बढ़े भाई मलखान सिंह का पार्थिव शरीर एक सर्च अभियान के दौरान बरामद हुआ है।

सियाचिन में भारतीय सेना के पहले अग्निवीर गावते अक्षय लक्ष्मण शहीद हुए, आर्मी ने दी भावुक विदाई

पत्नी और इकलौते बेटे की मौत हो चुकी

पति और पिता का इंतजार करते करते मलखान सिंह की पत्नी और इकलौते बेटे की मौत हो चुकी है। अब शहीद सैनिक के परिवार में एक छोटे भाई इसमपाल सिंह के अलावा, पौत्र मनीष,गौतम, एक पौत्री और बहु हैं। 56 वर्ष बाद शहीद का पार्थिव शरीर मिलने के बाद परिवार के पांच दशक से भी अधिक के पुराने जख्म हरे हो गए।

सियाचिन में शहीद हुए जवान चंद्रशेखर हर्बोला का शव 38 साल बाद बंकर में मिला

विश्व के दूसरे सबसे ऊँचे दुर्गम बर्फीले क्षेत्र सियाचिन में 56 वर्ष पूर्व विमान हादसे में शहीद हुए मलखान सिंह का पार्थिव शरीर लद्दाख से से इंडियन एयरफोर्स सरसावा लाया गया। जहां बुधवार को 12 बजे के करीब भारतीय वायुसेना ने शहीद सिंह को अंतिम सलामी दी।

इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सेना के वाहन में सम्मान के साथ रखकर सैनिक की अंतिम यात्रा निकाली गई। शहीद के शव को सरसावा एयरफोर्स स्टेशन से नानौता के रास्ते होते हुए उनके पैतृक गाँव फतेहपुर लाया गया। जहां भारी संख्या में पहुंचकर लोगों ने शहीद के अंतिम दर्शन किये और पुष्प वर्षा की।

ये भी पढ़ें, माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे खतरनाक पहाड़ जहां लाशें रास्ता दिखाती हैं

बर्फ में दबे होने कारण मलखान सिंह का शव क्षतिग्रस्त नहीं हुआ। शहीद के छोटे भाई इसमपाल सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उनका भाई मलखान 20 वर्ष की उम्र में इंडियन एयरफोर्स में शामिल हुआ था। एयरफोर्स ज्वाइन करने के तीन साल बाद वह शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी शीला देवी और एक बेटा था। जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Exit mobile version