वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव 2021 में नंदीग्राम सीट पर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी की जीत को कोलकाता हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने चुनाव अधिकारी को दोबारा मत करना ना करने के कारण दबाव में बताया था ।
पश्चिम बंगाल में तीसरी बार हैट्रिक बना चुकी तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर बीजेपी नेता संबंधित अधिकारी की जीत को कोलकाता हाईकोर्ट में चुनौती दी है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने नंदीग्राम विधानसभा सीट पर दोबारा मतगणना कराने से टीएमसी के अनुरोधः को खारिज कर दिया था। अब सीएम ममता बनर्जी ने अपनी याचिका में मांग की है कि शुभेंदु अधिकारी के चुनाव को तीन आधारों पर अमान्य घोषित किया जाए, रिश्वतखोरी, घृणा और शत्रुता को बढ़ावा देने धर्म के आधार पर वोट मांगने और बूथ कैपचरिंग करने सहित भ्रष्ट आचरण मतगणना प्रक्रिया में विसंगतियां थी और फार्म 17c में विसंगतियां और गैर अनुपात जो दर्ज किए गए मतों और मतगणना के परिणाम का लेखा-जोखा है।
ममता बनर्जी ने दोबारा मतगणना न करने के चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाया था । उनकी याचिका में कहा गया है कि इस शुभेंदु अधिकारी कई भ्रष्ट आचरण में लिप्त है। जिसमें उसकी जीत की संभावनाओं को बढ़ाया है और चुनाव में ममता बनर्जी की सफलता की संभावनाओं को बदल दिया है।
ममता बनर्जी के वकील संजय बोस ने कहा कि उन्होंने नंदीग्राम के चुनाव को रद्द करने का आदेश मांगा है। मामला 3 दिन पहले दायर किया गया था अब इस मामले की सुनवाई जस्टिस कौशिक चंदा करेंगे। इस मामले की सुनवाई आज शुक्रवार को होनी है ।
बता दें 2 मई को हुई मतगणना में शुभेंदु अधिकारी से हारने के बाद ही ममता बनर्जी ने अदालत जाने का फैसला किया था। काउंटिंग के एक दिन बाद उन्होंने दावा किया था कि मतगणना की निगरानी करने वाले निर्वाचन अधिकारी को धमकी दी गई थी।
उन्होंने अपने मोबाइल में एक एसएमएस पढ़ते हुए पत्रकारों से कहा था मुझे किसी ने एक एसएमएस भेजा है। जिसमें नंदीग्राम के रिटर्निंग ऑफिसर ने किसी को लिखा है कि अगर वह फिर से गिनती की अनुमति देता है तो उसकी जान को खतरा होगा। मैं पुनः मतगणना का आदेश नहीं दे सकता । मेरा परिवार बर्बाद हो जाएगा। मेरी एक छोटी बेटी है।