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4 नहीं 10 लाख चाहिए; मोहम्मद शमी की पूर्व पत्नी हसीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार

Hasin Jahan alimony dispute 4 नहीं 10 लाख चाहिए; मोहम्मद शमी की पूर्व पत्नी हसीन जहां

Hasin Jahan alimony dispute: क्रिकेट मोहम्मद शमी और पूर्व पत्नी हसीन जहां के बीच लंबे समय से पारिवारिक विवाद चल रहा है। अब हसीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट का दोबारा दरवाजा खटखटाया है।

हसीन जहां ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी

हसीन जहां (Hasin Jahan) ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए गुजारा भत्ता  को 4 लाख रुपये मासिक से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की मांग की है। यह मामला 2018 से चला आ रहा है, जब हसीन ने शमी पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था।

मोहम्मद शमी और हसीन जहां की शादी

मोहम्मद शमी और हसीन जहां की शादी अप्रैल 2014 में हुई थी। उनकी एक बेटी है, जो जुलाई 2015 में पैदा हुई। हसीन जहां की यह दूसरी शादी है।

हसीन जहां और मोहम्मद शमी के बीच विवाद

2018 में Hasin Jahan ने कोलकाता के जादवपुर थाने में शमी के खिलाफ घरेलू हिंसा, बेवफाई और अन्य आरोपों में FIR दर्ज कराई। इसके बाद उन्होंने प्रोटेक्शन ऑफ वुमन फ्रॉम डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट (PWDV एक्ट) के तहत गुजारा भत्ता मांगते हुए कोर्ट का रुख किया। Mohammed Shami ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह सब उनकी बदनामी के लिए किया जा रहा है।

Hasin Jahan alimony dispute: मामले में कोर्ट के पिछले फैसले

मोहम्मद शमी और हसीन का घरेलू विवाद ट्रायल कोर्ट से शुरू हुआ और अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चूका है। ट्रायल कोर्ट ने अपने फैसले में बच्ची के लिए 80 हजार रुपए प्रति गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। इसके बाद 2023 में सेशंस कोर्ट ने पत्नी के लिए 50 हजार और बच्ची के लिए 80000 रुपए गुजारा भत्ता देने का शमी को आदेश दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 1 जुलाई 2024 को Hasin Jahan के लिए 1.5 लाख और बच्ची के लिए 2.5 लाख , कुल 4 लाख प्रति माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। अब हसीन जहां ने कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

Hasin Jahan alimony dispute: सुप्रीम कोर्ट में हसीन जहां की याचिका

Hasin Jahan ने सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अपील दायर की है। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं : खुद के लिए 7 लाख और  बेटी के लिए 3 लाख, कुल 10 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता। हसीन जहां ने तर्क देते हुए कहा कि Mohammed Shami एक ए-लिस्ट नेशनल क्रिकेटर हैं। जिनकी सालाना कमाई (2021-22 ITR के अनुसार) लगभग 48 करोड़ रुपये है। उनकी संपत्ति 500 करोड़ से ज्यादा आंकी गई है, जिसमें रेंज रोवर, जागुआर, मर्सिडीज और टोयोटा फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी कारें शामिल हैं।

Hasin Jahan alimony dispute: हसीन जहां के वकील की दलील

हसीन जहां के पास कोई स्वतंत्र आय नहीं है। वे “गरीबी की हालत” में जी रही हैं, जबकि शादी के दौरान उनकी लाइफस्टाइल शमी की कमाई के अनुरूप थी। बच्ची को एलीट क्रिकेटरों के बच्चों जैसी शिक्षा और जीवनशैली मिलनी चाहिए। शमी जानबूझकर पर्याप्त सहायता नहीं दे रहे, जो मानसिक और शारीरिक क्रूरता का हिस्सा है। वर्तमान 4 लाख “घोर रूप से अपर्याप्त” है, जो बुनियादी खर्च भी नहीं निकाल पाता।

Hasin Jahan alimony dispute: सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया 

7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्जवल भुइया और मनोज मिश्रा की बेंच के समक्ष मले की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने Mohammed Shami और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। 4 हफ्तों में जवाब मांगा गया। फिलहाल 4 लाख का आदेश ही लागू रहेगा। बेंच ने हसीन जहां से सवाल किया, “4 लाख महीना काफी नहीं है? अंतरिम मेंटेनेंस के लिए यह ‘काफी है।” कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर 4 लाख में साल भर का खर्च चल सकता है, तो महीने का कम कैसे पड़ रहा है?

Hasin Jahan alimony dispute जारी रहेगा

Hasin Jahan alimony dispute: कुल मिलाकर, पब्लिक ओपिनियन मोहम्मद शमी के पक्ष में झुका हुआ लग रहा है, लेकिन गुजारा भत्ता केस अभी लंबा चलेगा। मोहम्मद शमी और हसीन जहां केस की कोर्ट में अगली सुनवाई पर नजर रहेगी।

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