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जानिए, कितनी होती है राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,प्रधानमंत्री और सांसदों की सैलरी

पहले भारत के राष्ट्रपति की सैलरी 1 लाख 50 हजार रुपये हुआ करती थी । साल 2018 में संसद अधिनियम 1954 के अनुसार वेतन ,भत्तों और पेंशन में संशोधन हुआ ।जिसके बाद राष्ट्रपति का मासिक वेतनमान 5 लाख रूपये किया गया ।

पहले भारत के राष्ट्रपति की सैलरी 1 लाख 50 हजार रुपये हुआ करती थी । साल 2018 में संसद अधिनियम 1954 के अनुसार वेतन ,भत्तों और पेंशन में संशोधन हुआ ।जिसके बाद राष्ट्रपति का मासिक वेतनमान 5 लाख रूपये किया गया

राष्ट्रपति की सैलरी

देश में फैली कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए ,राष्ट्रपति ,उपराष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री , लोक सभा और राज्य सभा सांसदों ने अपने मासिक वेतन में से 30 प्रतिशत तक की कटौती करने स्वेच्छा जताई है । जिसके बाद अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को हर महीने 3 लाख 50 हजार रुपये वेतन प्रतिमाह मिलेगा ।

आइए जानते हैं, जनता के बाकी प्रतिनिधियों को कितनी सैलरी मिलती है और 30 % कटौती के बाद कितनी मिलेगी ।

उपराष्ट्रपति का मासिक वेतन

भारत के उपराष्ट्रपति की सैलरी साल 2018 से पहले 1.5 लाख हुआ करती थी । साल 2018 में संशोधन के के बाद उपराष्ट्रपति का मासिक वेतमान 4 लाख रूपये कर दिया गया था । अब 30 फीसदी कटौती के बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को 2 लाख 80 हजार रुपये मासिक सैलरी मिलेगी ।

प्रधानमंत्री की सैलरी

भारत के प्रधानमंत्री की सैलरी हर महीने 1 लाख 60 हजार रूपये आती है । अगर इसमें से 30 फीसदी की कटौती होगी तो , मासिक वेतन में से 48 हजार रुपये घटाना पड़ेगा । जिसके बाद प्रधानमंत्री की मासिक सैलरी हर महीने 1 लाख 12 हजार रूपये आएगी ।

संसद अधिनियम 1954 के वेतन भत्ते और पेंशन में संशोधन के बाद प्रत्येक लोक सभा सांसद को पांच साल तक हर महीने एक लाख रुपए सैलरी मिलती है । इतना ही वेतमान राज्य सभा सांसदों को 6 साल तक मिलता है । इसके अलावा प्रत्येक सांसद को 2000 रुपया प्रतिदिन भत्ता भी मिलता है । अब 30 फीसदी कटौती के बाद हर सांसद को 70 हजार रुपये वेतन मिलेगा ।

उपरोक्त सभी की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती अगले एक साल तक होगी । इसके अलावा सांसद निधि पीआर भी अगले 2 साल तक रोक लगा दी गई है ।

कैबिनेट की बैठक में लिया गया फैसला ।

देश में कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए साल 2020-21, 2021-22 के दौरान सांसद निधि को अस्थाई तौर पर रोकने की मंजूरी दी गई । ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की बैठक में सोमवार के दिन लिया गया है। अब अगले दो साल तक सांसद निधि से पैसे नही निकलेंगे । जिससे 7900 करोड़ रूपये की बचत होगी ।

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