Moonquakes on Moon: चंद्रमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। Chandrayaan 3 के Vikram Lander पर लगे ILSA instrument ने ISRO को डेटा भेजा है। चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के दौरान विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर आईएलएसए वैज्ञानिक उपकरण को अपने साथ ले गए थे।
Moonquakes क्या होता है ?
पृथ्वी के किसी न किसी हिस्से पर हर मिनट में भूकंप के छोटे बड़े झटके लगते रहते हैं। अब चांद पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। चंद्रयान 3 ने चंद्रमा पर भूकंप के झटकों की जानकारी इसरो को दी है। शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के ये झटके उल्कापिंड या गर्मी के प्रभाव के कारण लगे हैं।
Moonquakes का विश्लेषण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रयान 3 के भूकंप संकेत उपकरण से प्राप्त किए गए आंकड़ों का गहन विश्लेषण करना शुरू कर दिया है।
चंद्रमा पर भूंकप के झटकों ( Moonquakes ) का डेटा भेजने वाले ILSA उपकरण को चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के दौरान प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर के साथ भेजा गया था। शोधकर्ताओं ने कहा है कि Moonquakes का गहन अध्ययन करने के बाद ही विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
बंद हुआ ईलसा उपकरण
ISRO ने बताया कि चांद पर भूकंप का पता लगाने वाले ILSA उपकरण को 2 सितंबर 2023 तक लगातार संचालित किया गया। दो सितंबर को इसे बंद कर दिया गया था और पैक कर दिया गया था। इसके बाद विक्रम लैंडर को लैंडिंग पॉइंट से 50 सेंटीमीटर दूर स्थानांतरित कर दिया गया था। बंद होने से पहले ILSA ने लगभग 218 घंटे काम किया था। जिसके 190 घंटे का डेटा इसरो के पास उपलब्ध है।
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वैज्ञानिकों ने कहा कि हमने 250 से अधिक विशिष्ट संकेतों पहचान कर ली है। इनमें से 200 के लगभग संकेत प्रज्ञान रोवर की भौतिक गतिविधियों से जुड़े हैं। बाकि 50 संकेतों को असंबद्ध घटना माना गया है।
इसरो ने दी ये जानकारी
चांद पर भूंकप की जानकारी देते हुए इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा , ” चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर पर मौजूद आईएलएसए उपकरण ने 50 चंद्रमा भूकंपों का पता लगाया है। आईएलएसए के डेटा से पता चलता है कि इसने 250 भूकंपीय संकेतों का पता लगाया है। जिनमें से 200 को रोवर या या लैंडर से संबंधित गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।