Haryana विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि इस समय सिटिंग विधायकों की संख्या के हिसाब से अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष या विपक्ष में कुल 45 वोट होने चाहिए । Haryana सदन में हेडकाउंट के हिसाब से वोटिंग की जाएगी।
किसान आंदोलन के कारण संकट में Haryana सरकार
किसान आंदोलन के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी Haryana विधानसभा में आज बुधवार के दिन अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 2 घंटे तक सदन में बहस चलेगी। जिसके बाद हेडकाउंट के माध्यम से वोटिंग की जाएगी । मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी जेजेपी के गठबंधन वाली हरियाणा सरकार काफी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है।
Haryana विधानसभा में क्रॉस वोटिंग का डर
लेकिन जिस तरह किसान संगठनों ने हरियाणा सरकार को समर्थन दे रही जनता जन नायक पार्टी और निर्दलीय विधायकों पर दबाव बना रखा है । वह इस अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करें और सबका से अलग हो । उसके बाद कहीं ना कहीं क्रॉस वोटिंग का भी गठबंधन सरकार को डर है।
व्हिप जारी
भारतीय जनता पार्टी और जनता जन नायक पार्टी में सभी दलों ने अपने विधायकों को व्हिप जारी करके हर हाल में अपने साथ रखने की कोशिश की है । अगर विधानसभा के आंकड़ों पर नजर डालें तो अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मौजूदा गठबंधन सरकार के सामने चुनौती है । इस लिहाज से देखा जाए तो समर्थन के लिए बीजेपी बीजेपी को 45 वोट की जरूरत है । गठबंधन सरकार के पक्ष में 55 वोट होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन समीकरण दिलचस्प हो सकते हैं।
90 में से कुल 88 विधायक
हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। जिनमें से अभी 88 सीटिंग विधायक हैं । कांग्रेस पार्टी के पास 30 विधायक हैं ।भारतीय जनता पार्टी के पास 40 और जेजेपी के पास 10 विधायक है। पांच निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा सरकार को समर्थन दे रखा है। जबकि दो निर्दलीय विधायक सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं।
हरियाणा की गठबंधन सरकार दावा कर रही है कि उसके पास 55 विधायक है । लेकिन हाल ही में किसान आंदोलन के समर्थन में जेजेपी के कुछ विधायकों ने अपने बयान भी दिए हैं । उन पर गांव की पंचायतों के साथ ही किसानों का भी दबाव है कि वह खट्टर सरकार से अपना समर्थन वापस लें।
जनता जन नायक पार्टी के वरिष्ठ विधायक देवेंद्र बबली ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को नसीहत दे डाली है कि वह किसानों के समर्थन में मनोहर लाल खट्टर सरकार को दिया गया समर्थन वापस लें। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला विधायकों को सरकार से अलग कर ले। देवेंद्र बबली ने यहां तक कह डाला कि इस समय हालात ऐसे हो गए हैं कि कोई भी विधायक या खुद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसी भी गांव के कार्यक्रम में नहीं जा सकते। क्योंकि लगातार किसान उनका बहिष्कार और विरोध कर रहे हैं ।उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हो गए हैं कि अब अंडर गारमेंट्स और हेलमेट भी लोहे के पहनने पड़ेंगे।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर विधायकों को अपने विवेक से काम लेना चाहिए। जिन लोगों से वोट हासिल हो के हम विधायक बने हैं । उनकी बात सुनी जानी चाहिए । उन्होंने कहा सदन में अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद साफ हो जाएगा कि कौन विधायक किसानों और जनता के साथ है और कौन-कौन के खिलाफ।