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ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए अब आ गया है आपका साइबर दोस्त

आज तकनीकी युग में ऑनलाइन अपराध प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इसको रोकने के लिए एक मुहीम चलाई है। नाम है साइबर दोस्त

आज तकनीकी युग में ऑनलाइन अपराध प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इसको रोकने के लिए एक मुहीम चलाई है। नाम है साइबर दोस्त

नई दिल्ली: आज तकनीकी युग में ऑनलाइन अपराध प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इसको रोकने के लिए एक मुहीम चलाई है। नाम है साइबर दोस्त। 

आपकी लॉटरी लगी है। आप दस लाख जीत गए हो। आपका बैंक आकउंट बंद होने वाला है। मुझे आपके मोबाइल पर आया वन टाइम पासवर्ड बता दीजिए। आपका खाता बंद नहीं होगा। मैं रिलायंस जिओ की कस्टमर केयर से बोल रहा हूँ। या फिर ऐसे ही किसी भी मोबाइल कंपनी का नाम लेकर हैकर्स आपसे संपर्क करते हैं। ऐसी ट्रिक अपनाकर और आपको करोड़पति बनने का सपना दिखाकर रोडपति बना देते हैं। 

ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार ज्यादातर पढ़े लिखे  लोग ही होते हैं,ये भी एक गौरतलब विषय  है। हर कोई बिना कुछ किए रातों रात अमीर बनने की लालसा रखता है। यही एक ऐसी वजह पाई गई है जिसके कारण लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाते हैं। हैकर्स ऐसे सपने दिखाते हैं कि विवेक शक्ति काम करना बंद कर देती है। जब दिमाग काम करता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। 

बढ़ते हुए अपराधों को लेकर गृह मंत्रालय ने बच्चों और किशोर वर्ग के लिए एक पुस्तिका जारी की है। इसमें बताया गया है कि कैसे फ्रॉड होते हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है। पुस्तिका में वर्णन किया गया है कैसे साइबर अपराध और लालच से कैसे बचा जा सकता है। 

रक्षित टंडन,सुचना एवम सुरक्षा परिषद के निदेशक ने एक महिम छेड़ी हुई है जिसमें वह बच्चों के प्रति बढ़ते हुए अपराध लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं। टंडन साइबर क्राइम,बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के सलाहकार और  इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सलाहकार भी हैं। उन्होंने पुरे देशभर में कई सेमिनार कर जागरूकता फ़ैलाने का काम जारी रखा हुआ है। 

अपने मिशन के तहत रक्षित टंडन स्कूलों में बच्चों को साइबर अपराध के बारे में सिखाते ही हैं। साथ में महिलाओं और पुलिस को भी शिक्षा देते हैं। 

आइए  जानते हैं ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए क्या करना चाहिए।?

1 . कभी भी किसी को अपना बैंक पासवर्ड न बताएं 

2 .किसी के साथ अपने एटीएम का 4 डिजिट पिन नबर और 16 डिजिट कार्ड नबर सांझा  न करें। 

3. कोई भी बैंक आपसे फोनकर आधारकार्ड नंबर,पासवर्ड नहीं मांगता। अगर ऐसी कोई फ़ोन कॉल आती है तो उनको मांगी गई जानकारी न दें। 

4 . इंटनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने से पहले लैपटॉप या कंप्यूटर में एंटीवायरस जरूर चैक कर लें। इस्तेमाल करने के बाद लॉगआउट और ब्राउज़र को क्लोज करना न भूलें। 

5 .मुझे मिले हैं पचास रूपये आप भी अपने मोबाइल में फलां एप इंसटाल करे जैसे फिशिंग मैसेज पर कभी क्लिक न करें। 

 

 

 

 

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