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युवाओं में बढ़ रही है देशभक्ति : परिणीति चोपड़ा

फिल्म केसरी सारागढ़ी की लड़ाई पर बनी है। फिल्म ऐसे समय में आई जब देश ने ऐसा ही कुछ झेला है। ये समय बहुत ही खराब रहा है। लेकिन समय की सीख को देखो तो इस घटना ने देश के युवाओं में देशभक्ति बढ़ाई है। दूसरे शब्दों में कहें तो युवाओं को जगाने का काम किया है। परिणीति चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा।

फिल्म केसरी सारागढ़ी की लड़ाई पर बनी है। फिल्म ऐसे समय में आई जब देश ने ऐसा ही कुछ झेला है। ये समय बहुत ही खराब रहा है। लेकिन समय की सीख को देखो तो इस घटना ने देश के युवाओं में देशभक्ति बढ़ाई है। दूसरे शब्दों में कहें तो युवाओं को जगाने का काम किया है। परिणीति चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा।

“मेरे पिता जी आर्मी में रहे हैं। ये बहुत अच्छी बात है कि देशभक्ति का जज्बा अब युवाओं में पनपने लगा है। लेकिन दुःख की बात ये है कि इसकी कीमत हमें अपने लोगों की जान देकर चुकानी पड़ी है। पानीपत की लड़ाई हो सारागढ़ी की या फिर कुरुक्षेत्र की बात ही क्यों न हो ,मैं अंबाला की लड़की हूं और ये सब अंबाला के आसपास की कहानियां हैं। मैं इन कहानियों के बारे में जानती हूं।’ परिणीति चोपड़ा ने कहा।

मैं जब करण के ऑफिस में गई तो मुझे केसरी फिल्म में मेरा रोल समझा दिया था। मुझे बताया गया था कि फिल्म लड़कों की कहानी पर आधारित है और मेरा रोल उसमें बहुत छोटा है। मैंने रोल की लंबाई न नापते तुरंत हां कह दिया।

‘हमारा घर अंबाला में था जहां मम्मी-पापा अब भी रहते हैं। जब कारगिल की लड़ाई हुई उस समय मैं जब 11 साल की थी और स्कूल से लौटते समय हर दूसरे दिन आर्मी के ट्रकों में भरी हुई पेटियां देखती थी। जिसमें जवानों की डैड बोडियां हुआ करती थी। मैं ये मंजर समझ सकती थी। जब भी लोग युद्ध की बात करते हैं तो मुझे बुरा लगता है। कई लोग कहते हैं अब आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए। लेकिन लोगों की इस बात के कारण मेरे पापा ,भाई या पति को युद्ध करने के लिए जाना पड़ेगा ऐसा न हो।’ चोपड़ा ने कहा.

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