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सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे से पुलिस ने की 9 घंटे पूछताछ

मार्च 6, 2022 | by

Police interrogated Union Minister Narayan Rane for 9 hours in connection with the death of Sushant Singh Rajput’s former manager Disha Salian

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामले में मुंबई पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके विधायक बेटे नितेश राणे से मालवानी थाने में 9 घंटे तक पूछताछ की। पुलिस स्टेशन से बाहर आने के बाद नारायण राणे ने कहा कि पुलिस ने अमित शाह से बात करने के बाद हमें छोड़ा।

नहीं सुलझी अभी तक गुत्थी

सुशांत सिंह राजपूत और और उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की साल 2020 में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। पहले दिशा सालियान की मौत हुई और बाद में सुशांत सिंह राजपूत की। हालांकि, जांच एजेंसियां पिछले दो साल से दोनों की मौत की गुत्थी सुलझाने में लगी हुई हैं। इस मामले में में काफी लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। जिनमें से ज्यादातर अब जमानत पर बाहर हैं। इसी मामले में शनिवार के दिन मुंबई पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके विधायक पुत्र नितेश राणे से 9 घंटे तक मालवानी थाने में पूछताछ की।

मुंबई पुलिस ने की पूछताछ

बता दें , केंद्रीय मंत्री राणे ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान के खिलाफ कथिततौर पर आपत्तिजनक टिपण्णी की थी। इसी मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनका विधायक बेटा नितेश राणे मालवानी थाने में मुंबई पुलिस के सामने पेश हुए। राणे से पूछताछ के दौरान पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी। जिसके बाद पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था।

अमित शाह के फोन के बाद छूटे

मुंबई पुलिस द्वारा लगभग 9 घंटे की पूछताछ के बाद नारायण राणे ने थाने से बाहर निकलकर कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात करने के बाद हमें पुलिस ने छोड़ा। उन्होंने कहा कि हमारा ब्यान तब दर्ज किया गया था कि दिशा सालियान ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उनकी हत्या हुई थी।

मंत्री राणे ने कहा ,” मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने दिशा सालियान की मां को उकसाया , जिसके बाद उन्होंने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई। सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान की मौत के बाद मुझे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुझसे दो बार फोन पर बात की थी। ठाकरे ने मुझसे आग्रह किया कि ये मंत्री की कार नहीं है। हम पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। “

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