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जम्मू-कश्मीर के इरफ़ान रमज़ान शेख को राष्ट्रपति ने दिया शौर्य चक्र

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज मंगलवार को युद्धक्षेत्र में बहादुरी दिखाने वाले जवानों और शहीदों को मेडल देकर सम्मानित किया।

राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर के इरफ़ान रमज़ान शेख को उनकी बहादुरी के लिए शौर्य चक्र दिया। इरफ़ान की उम्र वर्ष 2017 में मात्र 14 साल थी , उन्होंने बहादुरी का परिचय देते हुए तीन आतंकवादियों का डट कर मुकाबला किया।

इरफ़ान ने 2017 में 16-17 अक्टूबर की रात को आतंकवादियों के घर पर हुए हमले को उस समय नाकाम कर दिया जब वे उनके पिता को मारने पहुंचे थे। जैसे ही इरफ़ान ने अपने पिता रमज़ान शेख को घर के बाहर आतंकवादियों से
घिरे पाया तो खतरे को देखते हुए उन्होंने हथियारों से लैस आतंकवादियों का निहत्थे ही मुकाबला किया।

तीन आतंकवादी जोकि ऐके-47 और बमों के साथ रमज़ान के पिता पर हमला कर रहे थे ,को निहत्थे रमजान ने मार भगाया। अंधाधुंध फायरिंग में रमजान के पिता बुरी
तरह से घायल हो गए थे। बावजूद पिता के जख्मी होने के इरफ़ान उस आतंकवादी से भीड़ गए जिसने पिता पर गोली चलाई थी।

इस हैंड-टू-हैंड फाइट में इरफ़ान ने एक आतंकवादी को मार गिराया। बाकि आतंकवादी इरफ़ान के हौसले को देखकर डर गए और भाग खड़े हुए। आतंकवादी इरफ़ान से इतने डर गए
थे कि अपने मृत साथी का शव भी घटनास्थल पर छोड़ गए। इरफ़ान ने भागते हुए आतंकवादियो का पीछा भी किया। लेकिन वो बच निकले।

इरफ़ान रमजान शेख को इस बहादुरी के कार्य के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनको शौर्य चक्र से नवाजा।

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