पुणे पोर्श कार हादसे के आरोपी वेदांत अग्रवाल के पिता विशाल अग्रवाल की संपत्ति पर महाराष्ट्र के सतारा जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। पिछले महीने की 19 तारीख को नाबालिग ने अपनी पोर्श कार से दो बाइक सवार लोगों को रौंद दिया था।
महाराष्ट्र के सतारा जिला में जिला प्रशासन ने पुणे पोर्शे कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल के स्वामित्व वाले एक रिसोर्ट के अवैध हिस्सों पर बुलडोजर चलाया। विशाल अग्रवाल ने राज्य सरकार द्वारा आवासीय दर्जा दिए जाने के बाद पारसी जिमखाना के 10 एकड़ भूखंड पर यह रिसोर्ट बनाया था। महाराष्ट्र सरकार ने पारसी ट्रस्ट के पक्ष में जिमखाना को 30 साल के लिए 10 एकड़ जमीन पट्टे पर दी थी।
महाबलेश्वर पारसी जिमखाना क्लब पर चला बुलडोजर
जिला प्रशासन ने महाबलेश्वर के मल्कम पेठ इलाके में ‘महाबलेश्वर पारसी जिमखाना क्लब’ के अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त कर दिया। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सतारा जिला कलेक्टर जितेंद्र डूडी को रिसोर्ट के अवैध हिस्सों को गिराने का आदेश दिया था।
हादसे के आरोपी वेदांत के दादा साल 2016 में ट्रस्ट समिति के सदस्य बने थे। आरोपी की दादी उषा अग्रवाल का नाम भी ट्रस्ट समिति में है।
यह दस एकड़ जमीन राज्य सरकार ने आवासीय उपयोग के लिए पारसी ट्रस्ट को दी थी। पहले यह जिमखाना पारसी समुदाय का था, बाद में विशाल अग्रवाल ने इसे एक रिसोर्ट में बदल दिया था। बाद उन्होंने रिसोर्ट को होटल उद्योग ब्रांड रिजेंटा को पट्टे पर दे दिया था।
निबंध लिखने की शर्त पर जमानत
बता दें, एक्सीडेंट के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा वेदांत अग्रवाल को जमानत दी गई थी। एक्सीडेंट के कुछ घंटे बाद ही आरोपी को 300 शब्द का निबंध लिखने की शर्त पर जमानत मिल गई थी। बाद में जनता के आक्रोश को देखते हुए उसकी जमानत रद्द कर उसे निरीक्षण गृह भेज दिया गया था। उसके पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के ड्राइवर पर दोष लेने के लिए दबाव डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
कार एक्सीडेंट में मरने वालों के नाम
19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में नशे में धुत वेदांत अग्रवाल ने अपनी पोर्शे कार से दो बाइक सवार लोगों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। मृतकों के नाम अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा हैं।