Pune Porsche Case: 17 वर्षीय वेदांत अग्रवाल के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को पुणे पुलिस ने ड्राइवर को धमकाने और दुर्घटना का दोष लेने लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
पुणे पुलिस ने शनिवार के दिन उस नाबालिग के दादा को गिरफ्तार कर लिया है , जिसने 19 मई को शराब के नशे में अपनी पोर्शे कार से दो बाइक सवार लोगों को रौंद दिया था।
सुरेंद्र अग्रवाल को ड्राइवर गंगा राम को धमकाने और उसे पुणे पुलिस को यह ब्यान देने के लिए मजबूर करने के लिए कि दुर्घटना के समय वह ही कार चला रहा था, गिरफ्तार कर लिया गया है। गौरतलब है , पुणे के कल्याणी नगर में वेदांत अग्रवाल ने अपनी पोर्शे कार से दो लोगों को कुचल दिया था। इस एक्सीडेंट में अनीश अवधिया और उसकी साथी अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी।
पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सुरेंद्र अग्रवाल को सुबह तीन बजे उनके आवास से गिरफ्तार किया है। पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट मामले में यह तीसरी एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसपर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने नाबालिग के दादा को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामले की तह तक जाने के लिए सुरेंद्र अग्रवाल से दुर्घटना के दिन उनके बेटे और पोते के साथ हुई बातचीत के बारे में पूछताछ की थी। पुलिस के अनुसार, पोर्शे कार उस रियलिटी फर्म के नाम रजिस्टर्ड थी, जिसके मालिकों में से एक सुरेंद्र अग्रवाल भी थे।
CBI सूत्रों के अनुसार, सुरेंद्र अग्रवाल कथित तौर पर गैंगस्टर छोटा राजन को भुगतान करने के मामले में हुई गोलीबारी के मामले में मुकदमें का सामना कर रहे हैं।
बता दें, एक्सीडेंट के बाद नाबालिग वेदांत अग्रवाल को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया था। JJB ने नाबालिग को एक्सीडेंट और उसके दुष्प्रभावों पर 300 शब्द क निबंध लिखने की शर्त पर रिहा कर दिया था। बोर्ड ने किशोर को 15 दिन तक यातायात पुलिस के साथ काम करने का भी आदेश दिया था।
त्वरित जमानत पर हंगामे के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने बुधवार के दिन बिल्डर किशोर अग्रवाल के बेटे को 5 जून तक अवलोकन गृह में भेज दिया।