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सरकार का काम लोगों रोजगार देना,नौकरी से निकालना नहीं:रंजीता मेहता

नौकरी से निकाले गए 1983 पीटीआई अध्यापकों के समर्थन में धरने पर आईं कांग्रेस प्रवक्ता रंजीता मेहता ने खट्टर सरकार को दी नसीहत और चेतावनी ।

नौकरी से निकाले गए 1983 पीटीआई अध्यापकों के समर्थन में धरने पर आईं कांग्रेस प्रवक्ता रंजीता मेहता ने खट्टर सरकार को दी नसीहत और चेतावनी ।

पंचकूला में हरियाणा कांग्रेस की प्रवक्ता रंजीता मेहता ने सोमवार को 1,983 पीटीआई अध्यापकों की नौकरी बर्खास्त करने के चलते धरने पर बैठे हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति को समर्थन दिया।

रंजीता मेहता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 8 अप्रैल 2020 के निर्णय के बाद 1983 पीटीआई अध्यापकों की नौकरी बर्खास्त करना 2,000 परिवारों के पेट पर असंवेदनशील तरीके से लात मारना है।

रंजीता मेहता ने कहा, ” इन पीटीआई अध्यापकों ने दस साल से अधिक प्रदेश में निस्वार्थ सेवा की है और कई साथी तो अब सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में न तो पीटीआई चयन प्रक्रिया में कोई भ्रष्टाचार पाया गया और न ही किसी भी चयपित पीटीआई अध्यापक के द्वारा कोई द्वेषपूर्ण किया गया कार्य पाया गया। पर इस निर्णय के उपरांत 1983 पीटीआई अध्यापकों की बर्खास्तगी से इनके व इनके परिवारों के सपने व भविष्य पूरी तरह से धराशायी हो गए हैं।”

सीएम मनोहर लाल खट्टर को नसीहत देते हुए रंजीता मेहता ने कहा , ” सरकार का काम नौकरी देना है, नौकरी छीनना नहीं। खासतौर से तब, जब चयन प्रक्रिया में न तो कोई भ्रष्टाचार पाया गया और न ही चयनित पीटीआई अध्यापकों का कोई कसूर पाया गया। ऐसे में चयन प्रक्रिया संपूर्ण करने वाली एजेंसी की खामियों की सजा जिंदगी के इस पड़ाव पर पहुंचे इन 1983 पीटीआई अध्यापकों को क्यों मिले ? ”

रंजीता मेहता ने कहा कि भाजपा सरकार को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि सेवा नियमों के अनुरूप पीटीआई काडर खत्म हो गया है तथा इस पद पर कोई नई नियुक्ति नहीं हो रही। पीटीआई अध्यापक से टीजीटी अध्यापक का 33 प्रतिशत प्रमोशन कोटा भी मौजूदा पीटीआई अध्यापकों की प्रमोशन या सेवा निवृत्ति के साथ साथ सदा के लिए समाप्त हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार सही मंशा से हरियाणा की लंबे समय से सेवा कर रहे इन पीटीआई अध्यापकों के लिए आज भी मानवीय आधार पर छूट दे सेवा में रखने की गुहार लगाए, तो कोई कारण नहीं कि अदालत इसे स्वीकार न करे। अब यह खट्टर सरकार की भावना या दुर्भावना पर आधारित है। यदि सरकार ने इनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो कांग्रेस पार्टी जिलेवार संघर्ष करेगी।

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