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पूरे शहर में विकराल हो चुकी सीवर समस्या का समाधान करने में सरकार नाकाम : पूर्व पार्षद

जनवरी 10, 2019 | by

Government failed to solve the sewer problem that has become rampant in the entire city: former councilor

शिकायत पर कोई कार्यवाही नही होती समस्याओं के लेकर जनता सडको पर उतरने को हुई मजबूर

बीजेपी के सवच्छ अभियान की खुली पोल

सोनीपत: पिछले कई वर्षों से सीवर की समस्या से परेशान स्थानीय लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी। कई बार संबधित अधिकारीयों और नेताओं को शिकायत करने के बाद भी नहीं मिला कोई स्थाई समाधान। शहरवासी गंदगी की वजह से हैं परेशान।

शहर की सब्जी मंडी के पास स्थित ओल्ड हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी एक्सटेंशन में सीवरेज समस्या विकराल रूप ले चुकी है।यहां पूरी काॅलोनी में एक भी गली ऐसी नहीं है जहां मैनहोल से सीवर का दूषित पानी ओवरफ्लो न होता हो।

स्थानीय लोगों ने मौजूदा पार्षद से लेकर मंत्री तक इस समस्या के बारे में कई बार लिखित शिकायत दी। लेकिन सीवर की समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं हुआ।समस्या को लेकर काॅलोनीवासियों ने बृहस्पतिवार को प्रशासन व सरकार के खिलाफ रोष जताया।

शहर की स्थानीय निवासी कृष्णा, बिमला देवी, सेवाराम, ओमप्रकाश, कविता, पूनम आदि ने बताया कि उनकी काॅलोनी में सीवरेज समस्या तो पिछले कई वर्षों से कायम है। मगर पिछले कुछ महीनों से तो उनका घर से बाहर निकलना भी दूभर हो चुका है। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक समस्या गली नंबर-6 में है।

काॅलोनी व इसके आसपास के क्षेत्र

उन्होंने बताया सारी काॅलोनी व इसके आसपास के क्षेत्र का सारा दूषित पानी इसी गली से होकर ड्रेन नंबर छह में गिरता है। हम अपने स्तर पर कर्मचारी बुलाकर मैनहोल साफ भी करा लेते हैं तो अन्य गलियों व आसपास के क्षेत्र में ओवरफ्लो होने वाला दूषित पानी भी इसी गली में आकर जमा होने लगता है।

इस मौके पर पूर्व पार्षद विमल किशोर ने पहुंच कर सफाई कर्मचारी बुलाए।पूर्व पार्षद ने खुद खड़े होकर सीवर की समस्या का अस्थाई समाधान करवाया। उन्होंने कहा बीजेपी सरकार सिर्फ कागजों में सफाई अभियान चला रही है। धरातल पर इसका कोई भी असर दिखाई नहीं दे रहा है।

सोनीपत शहर गंदगी की चपेट में

आज सोनीपत शहर गंदगी की चपेट में है फिर भी प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सो रहा है। सीवर समस्या से परेशान लोग कई बार सरकार को जगाने की कोशिश कर हैं। कई बार रोष प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

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