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शहीद लांस नायक नजीर अहमद वानी, आतंकवादी से सैनिक बने, को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया

जनवरी 24, 2019 | by

Martyr Lance Naik Nazir Ahmad Wani, terrorist-turned-soldier, posthumously awarded Ashok Chakra

नई दिल्ली: इस साल गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को आतंकवादी से सैनिक बने लांस नायक नज़ीर अहमद वाणी को मरणोपरांत भारत के वीरता पुरष्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा।

वाणी जो कभी एक आतंकवादी हुआ करता था ने साल 2004 में प्रादेशिक सेना में शामिल होकर देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। नज़ीर अहमद वाणी ने पिछले साल नवंबर 2018 में जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों के साथ हुई एक मुठभेड़ में अपनी जान गवां दी थी। इस अभियान के दौरान 6 आतंकवादी भी मारे गए थे।

प्रादेशिक सेना में शामिल

नज़ीर वाणी जिन्होंने प्रादेशिक सेना में शामिल होकर आतंकवादियों के छक्के छुड़ाए थे,को दो बार सेना मैडल भी मिल चूका है। ये मैडल उनको साल 2007 और पिछले साल अगस्त महीने में दिए गए थे।

वाणी जोकि जम्मू कश्मीर के कुलगाम में अशमुजी गांव का निवासी था को अशोक चक्र से नवाजा जायेगा। उन्होंने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए दो आतंकवादियों को घायल होने के उपरांत भी ढेर कर दिया था। खुद जख्मी होते हुए वाणी ने अपने दूसरे साथी की जान बचाने की कोशिश की।

34 राष्ट्रीय राइफल

जब वाणी शहीद हुआ उस समय उनकी वाहिनी 34 राष्ट्रीय राइफल के साथ अटैच थी। 34 राष्ट्रीय राइफल को सुचना मिली थी की पास के गांव बाटगुंड में 6 हथियाबंद उग्रवादी आए हुए हैं। वाणी और उसकी यूनिट को घेराव करने की जिम्मेदारी दी गई। खतरे को भांपते हुए आतंकवादियों ने ग्रनेड और एके 47 से हमला कर दिया।इसी भयंकर वारदात में वाणी ने अपनी जगह संभाली और एक आतंकवादी को मौके पर ही ढेर कर दिया।

38 वर्षीय वाणी ने बगल वाले दूसरे घर में घुस कर एक हुए उग्रवादी को पकड़ लिया और गुथमगुथा की जंग में नज़ीर वाणी ने उसको भी वहीँ खत्म कर दिया।

Sources: Lance Naik Nazir Wani, who was a terrorist once, to get Ashok Chakra posthumously. He lost his life during operations in Shopian, J&K last year. He had joined 162 Territorial Army battalion in Kashmir & had received Sena Medal twice.— ANI (@ANI) January 24, 2019

वाणी को मुठभेड़ के दौरान कई गोलियां लगी। जिसकी वजह से काफी खून बह गया था। वाणी को प्राथमिक उपचार के बाद 92 बेस हॉस्पिटल में ईलाज के लिए ले जाया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश वहां उनको नहीं बचाया जा सका। दक्षिण कश्मीर के बहादुर सैनिक को 4pillers.news का सलाम।

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