जन्मदिन मुबारक:बंगाल टाइगर सौरव गांगुली से जुडी कुछ खास बातें

बंगाल टाइगर सौरव गांगुली आज अपना 48वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। गांगुली ही अकेले ऐसे टीम इंडिया के कप्तान रहे जिन्होंने विदेशी धरती पर भारतीय टीम को शेर बनाया। आइए,जानते हैं गांगुली से जुडी कुछ खास बातें।

प्रिंस ऑफ़ कोलकाता

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को दादा, प्रिंस ऑफ़ कोलकाता और बंगाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। ये तीनों नाम उनपर खूब जचते भी हैं। दादा ही एकमात्र ऐसे क्रिकेटर थे ,जिन्होंने भारतीय टीम को विदेशों में मैच जीतने का विश्वास दिलाया।

गांगुली की कप्तानी

सौरव गांगुली ने 2000 के दशक में उस समय टीम इंडिया की कप्तानी संभाली जब टीम बहुत ही उथल-पुथल के दौर से गुजर रही थी। उनकी कमान ने भारतीय टीम में एक नई जान फूंक दी।

दादा के रिकॉर्ड

प्रिंस ऑफ़ कोलकाता ने अपनी कप्तानी में 49 टेस्ट मैचों में से 21 में जीत दिलाई। जिनमें से 15 मैच बिना किसी निर्णय के(ड्रा) रहे। 13 मैच में भारतीय टीम को हार मिली। टेस्ट मैच में उनका जीत प्रतिशत 42.85 रहा।

दादा ने 113 टेस्ट मैच और 311 एकदिवसीय मैच खेले हैं। गांगुली ने 7212 टेस्ट रन बनाए हैं। उन्होंने डेब्यू मैच 1996 में शतक जड़ा था। टेस्ट मैच में उन्होंने 16 शतक और 35 अर्धशतक और 32 विकट लिए हैं। टेस्ट मैच में उनका औसत 42.18 प्रतिशत रहा।

सौरव गांगुली ने एकदिवसीय मैचों में 11363 रन बनाए हैं। जिसमें उन्होंने 22 शतक और 72 अर्धशतक जड़े बनाए। वनडे मैच में उन्होंने विकट का एक शतक बनाया है। एकदिवसीय मैच में गांगुली का औसत 40.73 रहा।

प्रिंस ऑफ़ कोलकाता की एक तस्वीर आज भी क्रिकेट प्रेमियों के जहन में बसी हुई है ,जब उन्होंने 2002 में इंग्लैंड को हराया था। उस समय उन्होंने बालकनी में खड़े होकर अपनी जर्सी उतार कर हवा में लहराई थी। इसके एक साल बाद 2003 में टीम इंडिया वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची थी।

फ़िलहाल ,सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड BCCI के अध्यक्ष के पद पर हैं। गांगुली ने टीम इंडिया को कई महान बल्लेबाज दिए हैं। जिनमें से ,एमएस धोनी ,जहीर खान ,युवराज सिंह ,हरभजन सिंह और वीरेंद्र सहवाग प्रमुख हैं।

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