सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाज

Geetanjali : लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और इंजीनियर सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी हाल के दिनों में एक बड़ा विवाद बन गई है। Sonam Wangchuk की पत्नी गीतांजलि ने NSA के तहत गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजली जे. आंगमो (जिन्हें Geetanjali के नाम से भी जाना जाता है) ने 2 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। जिसमें पति की तत्काल रिहाई की मांग की गई है। यह याचिका राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देती है।

Geetanjali : Sonam Wangchuk कौन हैं?

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविद् और इंजीनियर हैं। वे ‘सेकेंड 3 इडियट्स’ फिल्म के प्रेरणा स्रोत रहे हैं और लद्दाख में वैकल्पिक शिक्षा, जल संरक्षण और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं। Sonam Wangchuk हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लर्निंग (HIAL) से जुड़े हैं। जिसकी CEO उनकी पत्नी Geetanjali हैं। वांगचुक लंबे समय से लद्दाख की स्वायत्तता और पर्यावरण संरक्षण के लिए आंदोलन चला रहे हैं।

लद्दाख आंदोलन की पृष्ठभूमि और हिंसा

यह मामला लद्दाख में चल रहे आंदोलन से जुड़ा है। जो केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची (जो जनजातीय क्षेत्रों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करती है) में शामिल करने की मांग पर केंद्रित है। लद्दाख के निवासी लंबे समय से अपनी सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और आर्थिक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं। खासकर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित करने के बाद से।

लद्दाख हिंसक घटना

24 सितंबर 2025 को लद्दाख में हुई झड़पों के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और करीब 90 लोग घायल हुए। ये झड़पें प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुईं। जो आंदोलन के दौरान तनाव बढ़ने का परिणाम थीं। वांगचुक इस आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। वे शांतिपूर्ण अनशन और जागरूकता अभियान चला रहे थे, लेकिन हिंसा के बाद प्रशासन ने कठोर कार्रवाई की।

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी

तारीख और प्रक्रिया: Sonam Wangchuk को 24 सितंबर 2025 को हिरासत में लिया गया और 26 सितंबर को औपचारिक रूप से एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया। एनएसए एक कठोर कानून है, जो बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत की अनुमति देता है।  इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के मामलों में इस्तेमाल किया जाता है।

हिरासत का स्थान: उन्हें राजस्थान के जोधपुर जेल में रखा गया है।

प्रशासन का कहना है कि गिरफ्तारी हिंसा को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक थी।

गीतांजली आंगमो की सुप्रीम कोर्ट याचिका

Geetanjali ने वकील सर्वम रितम खरे के माध्यम से याचिका दायर की है। यह याचिका एनएसए के तहत गिरफ्तारी को “अवैध” बताती है और तत्काल रिहाई की मांग करती है।

मामले के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

एनएसए के दुरुपयोग का आरोप: एनएसए का इस्तेमाल अनुपातहीन है, क्योंकि वांगचुक एक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं और कोई राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा नहीं हैं। याचिका में एनएसए लागू करने के फैसले को चुनौती दी गई है। | Geetanjali को गिरफ्तारी आदेश की कोई प्रति नहीं दी गई, जो एनएसए नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्हें स्टेशन हाउस ऑफिसर ने हिरासत की सूचना दी, लेकिन उनके कानूनी अधिकारों की व्याख्या नहीं की गई।

गिरफ्तारी के बाद से गीतांजली (Geetanjali) का Sonam Wangchuk से कोई संपर्क नहीं हो सका। वे उनकी सेहत  को लेकर चिंतित हैं। याचिका में दावा किया गया है कि यह गिरफ्तारी लद्दाख आंदोलन को दबाने का प्रयास है, न कि वास्तविक सुरक्षा खतरे के कारण।

1 अक्टूबर 2025 को Geetanjali ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक तीन पृष्ठों का पत्र लिखा, जिसमें वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की अपील की गई। पत्र में उन्होंने “विच-हंट” का जिक्र किया और कहा कि यह लद्दाख के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दमन का हिस्सा है। गीतांजली ने बताया कि वे खुद सीआरपीएफ की निगरानी में हैं। तीन दिन पहले HIAL के दो सदस्यों को हिरासत में लिया गया। एक विशेष जांच टीम ने संस्थान के छात्रों और स्टाफ की जानकारी मांगी है।

अदालत की कार्यवाही की स्थिति

याचिका दायर होने के तुरंत बाद (2 अक्टूबर) कोई सुनवाई नहीं हुई है, क्योंकि यह बहुत हालिया मामला है। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका लंबित हैऔर अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है। हालांकि, ऐसे मामलों में कोर्ट जल्द हस्तक्षेप करता है। खासकर जब एनएसए जैसे कठोर कानूनों के दुरुपयोग का आरोप हो।

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