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सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारियों के नौसेना में स्थाई कमीशन का दिया आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय थल सेना के बाद अब नौसेना में भी महिला अधिकारीयों को स्थाई कमीशन देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अगले तीन महीने के भीतर महिला अधिकारीयों को स्थाई कमीशन देने का आदेश दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय थल सेना के बाद अब नौसेना में भी महिला अधिकारीयों को स्थाई कमीशन देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अगले तीन महीने के भीतर महिला अधिकारीयों को स्थाई कमीशन देने का आदेश दिया है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय थल सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने का आदेश दिया था। भारतीय नौसेना में महिलाओं के स्थाई कमीशन देने के मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा एक बार महिला अधिकारीयों के प्रवेश की अनुमति देने के लिए वैधानिक रोक हटा दी गई थी। जिसके बाद पुरुष और महिला अधिकारीयों को स्थाई कमीशन देने में समान रूप से व्यवहार किया जाना चाहिए।

अदालत आदेश में कहा कि महिलाओं पर जेंडर के आधार से रोक नहीं लगाई जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने स्थाई कमीशन देने में महिलाओं की शारीरिक सीमाओं का हवाला देने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया और इसे पुरुष और स्त्री के रूढ़िवादी मामला बताया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महिलाएं पुरुषों के समान कुशलता के साथ नौकायन करती हैं और कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

आपको बता दें,इसी साल फरवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय थल सेना में महिला अधिकारीयों को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया था। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि मानसिकता को बदलना होगा। अदालत ने कहा था कि थल सेना में महिला अधिकारीयों की नियुक्ति एक विकासवादी प्रक्रिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना में महिला अधिकारीयों के स्थाई कमीशन पर अपनी मोहर लगा दी थी।

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