भारतीय सेना में स्थाई कमीशन पाने वाली लेफ्टिनेंट कर्नल आरती तिवारी और रोहिना वर्गीस दो पहली महिला अधिकारी बनीं। इससे पहले महिलाओं को सेना में शार्ट सर्विस कमीशन मिलता था।जिसकी अवधि 5 साल की होती थी।
सर्वोच्च न्यायालय में एक लंबी क़ानूनी प्रक्रिया के बाद आखिकार भारतीय सेना में महिला अधिकारीयों को स्थाई कमीशन मिल गया।इससे पहले सेना में एसएससी यानि शार्ट सर्विस कमीशन के तहत महिला अधिकारी भर्ती होती थी।जिनकी सेना में सेवा का समय 5 वर्ष होता था। हालांकि,सेना की आर्मी मेडिकल कोर में महिला अधिकारीयों को पहले ही स्थाई कमीशन मिलता आ रहा है। वह सेना में बतौर डॉक्टर तैनात की जाती रही हैं।
” मुझे बहुत ख़ुशी है कि हमें स्थाई कमीशन प्रदान किया गया है और इस पर गर्व करना मायने रखता है।मैं सभी की शुक्रगुजार हूं।मानसिकता बदल गई है और यह जारी है।मुझे उम्मीद है कि यह आगे भी चलेगा।क्योंकि यह एक सतत प्रक्रिया है।: लेफ्टिनेंट कर्नल आरती तिवारी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा।
“हमने काफी चुनौतियों का सामना किया और आखिकार स्वीकृति प्राप्त की है।हमारे वरिष्ठों सहित सभी लोगों के वर्षों प्रयास सफल रहे।हम बराबर हैं।हम समान प्रयासों और समान समर्पण के साथ काम करते हैं।मैं किसी से पीछे नहीं हूं।” लेफ्टिनेंट कर्नल रोहिना वर्गीस ने एएनआई से कहा।
बता दें,लेफ्टिनेंट कर्नल आरती तिवारी और रोहिना वर्गीस को भारतीय सेना स्थाई कमीशन मिलने के बाद जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात किया गया है।