हरिद्वार में पिछले महीने धर्म संसद का आयोजन किया गया था। आरोप है कि इस दौरान मुस्लिम समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ। दूसरी तरफ हरिद्वार पुलिस ने मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
हरिद्वार में धर्म संसद में अभद्र भाषा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मामले की सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई करने के लिए तैयार है। चीफ जस्टिस आफ इंडिया एनवी रमना ने कहा कि हम मामले की सुनवाई करेंगे। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने हरिद्वार में धर्म संसद में हुई घटनाओं पर एक जनहित याचिका दायर की है। देश के नारे ‘सत्यमेव जयते’ से बदलकर शास्त्रमेव जयते हो गए हैं।’
अदालत मामले की सुनवाई के लिए तैयार
CJI एन वी रमना ने कहा कि अदालत इस पर गौर करेगी। उन्होंने पूछा कि क्या इस केस में पहले जांच नहीं हो चुकी है? इस पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले में सिर्फ एफ आई आर दर्ज हुई है. ना कोई गिरफ्तारी हुई है, ना ही कोई कार्रवाई हुई है। अंत में सीजेआई ने कहा कि वह इस मामले को सुनेंगे।
3 दिन चला था धर्म संसद
आपको बता दें, 17 दिसंबर से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में एक समुदाय विशेष के खिलाफ हेट स्पीच दिए जाने का मामला सामने आया था। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की थी। इस मामले में हरिद्वार में धारा 153 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
हरिद्वार में यह कार्यक्रम 17 से लेकर 19 दिसंबर तक 3 दिन तक चला था। जिस के बाद अभद्र भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर का वायरल होने के बाद सेना के पूर्व प्रमुखों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने विवादित भाषण की कड़े शब्दों में निंदा की थी। काफी लोगों ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी ।