इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क किसी एक कंपनी के नेटवर्क द्वारा दूसरी कंपनी के नेटवर्क को दी जाने वाली सेवा पर दिया जाता है। इसमें जिस नेटवर्क से कॉल की जाती है। वह कॉल पहुंचाने वाले नेटवर्क को शुल्क अदा करता है।
Airtel, Vodafone और Idea ने कट किया रिंगर टाइम
आईडिया ,एयरटेल और वोडाफोन ने उनके नेटवर्क से बाहर जाने वाली कॉल की घंटी का समय कम कर दिया है। आमतौर पर कॉल आने के बाद घंटी का समय ज्यादा से ज्यादा 45 सेकंड होता है। लेकिन उक्त तीन कपनियों ने दूसरे नेटवर्क में जाने वाली कॉल की घंटी का समय घटाकर 25 सेकंड कर दिया है।
रिलायंस जियो के साथ पर्तिस्पर्धा के कारण कंपनियों ने यह निर्णय लिया है। आईडिया ,एयरटेल और वोडाफोन कंपनियों द्वारा उठाए गए इस कदम का मकसद कॉल जुड़े रहने के समय के मुताबिक उस पर लगने वाले इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क की लागत घटाना है।
भारत दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क के मामले में उसके किसी आधिकारिक पर पहुंचने से पहले आपस में कड़ी स्पर्धा में उलझी दूरसंचार कंपनियों से सर्वसम्मति से किसी समाधान पर पहुंचने के लिए कहा था।मुकेश अंबानी ने चुकाया अनिल अंबानी का कर्ज
अभी इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क की दर 6 पैसा प्रति मिनट है। एयरटेल ने इस निर्णय की जानकारी देने के लिए ट्राई को 28 सितंबर को पत्र भेजा है। वहीँ न्यूज़एजेंसी पीटीआई के अनुसार आईडिया और वोडाफोन ने भी फोन की घंटी बजने का समय घटाने का निर्णय लिया है। नीता अंबानी के हैंडबैग की कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप
ट्राई से जुड़े एक सूत्र ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि कॉल किए जाने वाले व्यक्ति के फोन की घंटी बजने की समय सीमा पर खुली चर्चा 14 अक्टूबर को हो सकती है।
शुल्क मुद्दे पर चर्चा
इसके अलावा इस इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क मुद्दे पर भी चर्चा होगी। वहीं एयरटेल कंपनी का कहना है कि रिंगर टाइम कम करने से मिस्ड कॉल की संख्या ज्यादा बढ़ेगी। जिससे उपभोक्ता को फोन कॉल लगाने के साथ-साथ मिस्ड कॉल को देखने की भी संख्या बढ़ेगी।