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सिल्कायारा टनल में पिछले दस दिनों से फंसे मजदूरों का पहला वीडियो आया सामने, देखिए उत्तरकाशी सुरंग में फंसे लोगों की कैसी है हालत

सिल्कायारा टनल में पिछले दस दिनों से फंसे मजदूरों का पहला वीडियो आया सामने, देखिए उत्तरकाशी सुरंग में फंसे लोगों की कैसी है हालत

उत्तरकाशी सिल्कयारा सुरंग में पिछले दस दिन से फंसे मजदूरों का पहला वीडियो सामने आया है। जिसमें टनल में फंसे हुए मजदूर नजर आ रहे हैं।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे हुए मजदूरों का दस दिन बाद पहला वीडियो सामने आया है। मंगलवार के दिन सुरंग के अंदर मलबे में 6 इंच चौड़ी पाइप डाली गई। जिसके जरिए मजदूरों के लिए खिचड़ी, नींबू और फलों सहित खाने पीने का सामान भेजा गया। इसी पाइपलाइन में एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा भी लगाया गया। जिससे मजदूरों का वीडियो सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि मजदूर पिछले दस दिन से किन हालात में रह रहे हैं।

पाइपलाइन के जरिए भेजी गई राहत सामग्री

सोमवार के दिन बचाव दल ने सुरंग के अंदर छह इंच की पाइपलाइन डाली थी। इस पाइप के जरिए मजदूरों के लिए खानपान का सामान भेजा गया। मजदूरों की तबियत जानने के लिए इसी पाइप में एक कैमरा भी लगाया गया। इस कैमरे की मदद से सुरंग में फंसे हुए मजदूर दिखाई दे रहे हैं। रेस्क्यू टीम ने वॉकी-टॉकी के जरिए मजदूरों से बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया। वीडियो में देखा जा सकता है कि बचाव दल मजदूरों को कुछ हिदायतें भी दे रहा है।

सभी मजदूर जिंदा हैं

उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों का जो पहला वीडियो सामने आया है, उसमे देखा जा सकता है कि सभी मजदूर एक साथ खड़े हुए हैं। बचाव दल ने वॉकी-टॉकी   के जरिए उनसे बात करते हुए कहा कि हम आपको बाहर से देख सकते हैं। इसके अलावा मजदूरों को संदेश देते हुए कहा कि कैमरे में लगे माइक के पास जाकर बोलें। राहत की बात ये है कि दस दिन से जो मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं, वो सभी सुरक्षित नजर आ रहे हैं।

सुरंग में फंसे मजदूरों का पहला वीडियो

मजदूर पिछले दस दिन से सुरंग में फंसे हुए हैं। आज पाइपलाइन के जरिए मजदूरों के लिए खाने पीने के सामान सहित राहत सामग्री भी भेजी गई। मजदूरों के लिए दाल, खिचड़ी के साथ सेब-संतरे और नींबू का रस भी भेजा गया। इसके अलावा पाइप के जरिए मोबाइल और चार्जर भी भेजे जाएंगे। इस बचाव अभियान में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सहित कई बचाव दल युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।

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