Lunar Eclipse 2025:122 साल बाद चंद्रग्रहण पर बन रहा है दुर्लभ संयोग,आ सकता है भूकंप और बाढ़

Lunar Eclipse 2025: 7 सितंबर को इस वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह एक खग्रास चंद्रग्रहण होगा, जिसे पूर्ण चंद्र ग्रहण भी कहा जाता है।

Lunar Eclipse 2025 का समय और तिथि

  • उपछाया चंद्रग्रहण: 7 सितंबर, शाम 08:58 बजे
  • आंशिक ग्रहण : 7 सितंबर, रात 09:57 बजे
  • खग्रास चंद्रग्रहण: रात 11:00 बजे
  • अधिकतम ग्रहण: 11:41 बजे
  • पूर्ण ग्रहण समाप्त: 8 सितंबर, रात 12:22 बजे
  • आंशिक ग्रहण समाप्त: 8 सितंबर, रात 01:26 बजे
  • उपग्रहण समाप्त: 8 सितंबर, रात 02:25 बजे

चंद्रग्रहण की पूर्ण अवधि 5 घंटे 27 मिनट है। पूर्ण चंद्रग्रहण 82 मिनट का है जो 2022 के बाद सबसे लंबा चंद्रग्रहण है।

चंद्रग्रहण भारत कहां दिखाई देगा

खग्रास चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा, खासकर, चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ और पुणे आदि शहरों में। मौसम साफ़ रहने पर यह भारत के लगभग सभी हिस्सों में दिखाई देगा।

Lunar Eclipse 2025: चंद्रग्रहण पर 122 साल बाद दुर्लभ संयोग

पितृ पक्ष 7 सितंबर शुरू हो रहा है। यह 21 सितंबर, अमावस्या को समाप्त होगा। चंद्रग्रहण 7 सितंबर को और सूर्यग्रहण 21 सितंबर को अमावस्या को लगेगा। यह 1903 के बाद, 122 साल बाद दुर्लभ संयोग है। इससे प्राकृतिक आपदाएं, जैसे बाढ़, भूकंप आदि हो सकते हैं। इससे भारत और पकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता भी आ सकती है।

50 साल बाद शनि देव का वक्री संयोग

यह ग्रहण (Lunar Eclipse 2025) शनि की राशि कुंभ में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है। शनि देव इस समय वक्री अवस्था में रहेंगे। जो पितृ पक्ष में लगभग 50 साल बाद हो रहा है। इससे कुछ राशियों को लाभ और कुछ को हानि हो सकती है। यह ग्रहण वृश्चिक और मीन राशियों के लिए लाभकारी रहेगा जबकि सिंह, तुला आदि राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

Lunar Eclipse 2025: चंद्रग्रहण में सूतक काल

चंद्रग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है। सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो रहा है। यह ग्रहण समाप्ति तक रहेगा। सूतक काल में खाना बनाना, पूजा पाठ करना और मंदिर जाना निषिद माना जाता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने से बचें। ग्रहण के बाद घर में गंगाजल छिड़कें।

नोट: यह जानकारी वैज्ञानिक और ज्योतिषीय स्रोतों पर आधारित है। चंद्रग्रहण खुली आंखों से देखा जा सकता है जबकि सूर्यग्रहण नंगी आंखों से देखना नुकसानदायक हो सकता है।

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