मैं चोर नहीं, भगौड़ा हूं; विजय माल्या ने किए चौंकाने वाले खुलासे
Vijay Mallya News: राज शमनी के पॉडकास्ट में विजय माल्या ने कई अहम बयान दिए। जिसमें उन्होंने अपनी वित्तीय अनियमितताओं, भारत छोड़ने और सरकार के साथ अपने संबंधों के बारे में बात की।
पॉडकास्ट ने भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया में काफी ध्यान आकर्षित किया, खासकर इसलिए क्योंकि माल्या ने दावा किया कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और उन्हें अपनी लंदन यात्रा के बारे में जानकारी दी थी।
इस बयान से सवाल उठा कि क्या भाजपा सरकार ने माल्या को देश से भागने में मदद की या फिर उसके भागने में उसकी कोई भूमिका थी। आइए इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।
विजय माल्या ने भारत छोड़ने से पहले अरुण जेटली से की थी मुलाक़ात
विजय माल्या ने दावा किया कि मार्च 2016 में भारत छोड़ने से पहले उन्होंने संसद भवन में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और उन्हें बताया था कि वह लंदन जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई गुप्त यात्रा नहीं थी बल्कि पहले से तय थी।
माल्या के इस बयान ने विपक्षी दलों, खासकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को सरकार पर सवाल उठाने का मौका दे दिया। उन्होंने पूछा कि अगर सरकार को माल्या के जाने की जानकारी थी, तो उसे रोकने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया।
Vijay Mallya News: भगोड़ा कहे जाने पर माल्या की आपत्ति
माल्या ने कहा कि वह “भगोड़ा” नहीं है क्योंकि उसने पहले से तय यात्रा के तहत भारत छोड़ने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि यह वैध कारणों से था और कहा कि उसे “चोर” कहना अनुचित है।
उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों ने उनकी संपत्तियों से 14,131.6 करोड़ रुपये वसूले हैं, जो उनकी किंगफिशर एयरलाइंस के 6,203 करोड़ रुपये के कर्ज से दोगुना है। माल्या ने सवाल किया कि जब बकाया राशि से ज़्यादा पैसा वसूला गया है, तो उनके साथ अपराधी जैसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
भारत लौटने के लिए रखी शर्तें
माल्या ने कहा कि अगर उन्हें भारत में निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन का आश्वासन दिया जाता है, तो वे वापस लौटने पर गंभीरता से विचार करेंगे। उन्होंने यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ईसीएचआर) का हवाला देते हुए कहा कि भारत में हिरासत की शर्तें कुछ मामलों में मानवाधिकार नियमों का उल्लंघन करती हैं।
क्या बीजेपी सरकार ने माल्या को भगाया था ?
Vijay Mallya News: इस प्रश्न का उत्तर कई पहलुओं पर निर्भर करता है और इसे समझने के लिए हमें तथ्यों, आरोपों और सरकार की कार्रवाइयों का विश्लेषण करना होगा।
माल्या 2 मार्च 2016 को भारत छोड़कर लंदन चले गए थे। उस समय उनकी किंगफिशर एयरलाइंस पर 17 बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो ब्याज समेत बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया था।
माल्या पर वित्तीय (Vijay Mallya News) अनियमितताओं और धोखाधड़ी का आरोप था। सीबीआई ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था, लेकिन यह “हिरासत” नोटिस नहीं था, बल्कि केवल सूचना नोटिस था। उस समय माल्या राज्यसभा सांसद थे और 1 मार्च 2016 को संसद में उनकी उपस्थिति दर्ज की गई थी।
भारत सरकार की कार्रवाइयां
भारत सरकार ने माल्या को भगोड़ा घोषित कर दिया है और 2016 से उसके प्रत्यर्पण के प्रयास शुरू कर दिए हैं। लंदन में माल्या के खिलाफ कानूनी कार्यवाही चल रही है और भारतीय बैंकों ने उसकी संपत्तियों से 14,131.6 करोड़ रुपये वसूले हैं।
अप्रैल 2025 में, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में बैंकों ने माल्या के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही को बरकरार रखने के लिए लंदन की एक अदालत में अपील जीती।
विजय माल्या का बीजेपी कनेक्शन
माल्या 2002 और 2010 में कर्नाटक से स्वतंत्र सांसद के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। 2002 में उन्हें कांग्रेस और जेडीएस का समर्थन प्राप्त था, जबकि 2010 में उन्हें भाजपा और जेडीएस का समर्थन प्राप्त था।
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि माल्या ने भाजपा को 35 करोड़ रुपये का दान दिया है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
माल्या ने 2010 में यूपीए सरकार के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति में नियुक्ति हासिल की थी, जो नियमों के विरुद्ध था क्योंकि उनकी किंगफिशर एयरलाइंस उस मंत्रालय से संबंधित थी।
विपक्ष का बीजेपी पर निशाना
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने माल्या के बयान के आधार पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि अगर माल्या ने जेटली को अपनी यात्रा के बारे में बताया था तो सरकार ने उसे क्यों नहीं रोका।
विपक्ष ने यह भी दावा किया कि संसद की सीसीटीवी फुटेज, जिससे माल्या और जेटली के बीच बैठक की पुष्टि हो सकती है, उपलब्ध नहीं कराई गई।
बीजेपी सरकार का पक्ष
भाजपा सरकार ने बार-बार कहा है कि वह माल्या को भारत लाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियों ने उसकी संपत्तियां जब्त कर ली हैं और प्रत्यर्पण प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि माल्या की संपत्तियों से 14,131.6 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं, जो उनके कर्ज से भी ज्यादा है। यह वित्तीय अपराधों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई को दर्शाता है।
जेटली से मुलाकात के माल्या के दावे पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन भाजपा ने इसे विपक्ष का राजनीतिक हमला करार दिया है।
माल्या को भगाने में बीजेपी की भूमिका ?
माल्या का यह दावा कि उसने जेटली को सूचना दी, अपने आप में यह साबित नहीं करता कि भाजपा ने उसे भागने में मदद की। यह संभव है कि मुलाकात हुई हो, लेकिन इसकी प्रकृति (औपचारिक या अनौपचारिक) और चर्चा का विवरण स्पष्ट नहीं है।
माल्या की संपत्तियों की जब्ती और उसके प्रत्यर्पण के प्रयास इस बात का संकेत हैं कि सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई की है, जो भगोड़ा होने के आरोपों के विपरीत है।
विजय माल्या ने खुद को पीड़ित के रूप में पेश किया
माल्या ने अपने बयानों में खुद को पीड़ित के रूप में पेश करने की कोशिश की है और दावा किया है कि उनकी छवि गलत तरीके से “पोस्टर बॉय” के रूप में पेश की गई है।
राज शामनी के पॉडकास्ट में विजय माल्या के बयानों ने भाजपा सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर अरुण जेटली से मुलाकात के उनके दावे पर। हालांकि, यह कहना कि भाजपा ने जानबूझकर उन्हें भगाया, ठोस सबूतों के अभाव में अतिशयोक्ति है।