स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक सहित देश के कई बड़े और छोटे बैंक सिग्नेचर लोन देते हैं। सिग्नेचर लोन बिजली बिल,अस्पताल का बिल और घर की रिपेयरिंग सहित कई कामों के लिए दिया जाता है। इस लोन की सबसे खास बात यह है कि इसे चुकाने के लिए लंबा समय दिया जाता है।
आपने पर्सनल लोन, होम लोन , बिज़नेस लोन , एजुकेशन लोन और गोल्ड लोन तो सुना होगा। आपने या आपके परिवार में से किसी ने इस तरह का लोन लिया हुआ होगा। पर्सनल लोन में ज्यादा कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है। बैंक भी इस लोन को रिलीज करने के लिए कई दिन का समय ले लेते हैं। यदि आपका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक है तो बैंक आसानी से सिग्नेचर लोन दे देते हैं। सिग्नेचर लोन के लिए किसी भी तरह के दस्तावेज बैंक में जमा नहीं कराने पड़ते हैं। बैंक सिर्फ एक हस्ताक्षर के बदले ये लोन दे देते हैं।
सबसे खास बात ये है कि काफी लोगों को सिग्नेचर लोन के बारे में जानकारी नहीं होगी। बैंक ने हस्ताक्षर लोन चलाया हुआ है। ये लोन लेने के लिए किसी को भी सिर्फ एक साइन करना पड़ता है। जिसके तुरंत बाद खाते में पैसे आ जाते हैं।
क्या है सिग्नेचर लोन ?
सिग्नेचर लोन को चरित्र ऋण के नाम से भी जाना जाता है। आसान भाषा में कहें तो यह एक तरह का निजी ऋण होता है। बैंक इस लोन को बिना किसी कोलेट्रल के जारी करते हैं। लेकिन इसका इंट्रेस्ट रेट पर्सनल लोन से अधिक होता है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड लोन से बहुत कम होता है।
कैसे मिला है सिग्नेचर लोन ?
सिग्नेचर लोन देने से पहले बैंक कस्टमर की क्रेडिट हिस्ट्री चेक करते हैं। जब बैंक को पूरा यकीन हो जाता है कि ग्राहक इस लोन को आसानी से चूका देगा, तब यह लोन जारी किया जाता है। कई बार देखा गया है कि बैंक सिग्नेचर लोन देने से पहले एक ग्रांटर के भी हस्ताक्षर लेता है। ग्रांटर के दस्तखत लेने की वजह ग्राहक द्वारा ईएमआई समय पर नहीं चुकाने पर ग्रांटर को ढूंढा जाता है।