यूएस ब्रिटेन फ्रांस और भारत सहित दस देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए COVID 19 टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। दस देशों द्वारा लगाई गई पाबंदियों के बाद WHO हरकत में आया है।
WHO ने चीन से जीरो कोविड पॉलिसी को खत्म करने के बाद बहुत तेजी से बढ़ रहे कोरोनावायरस पर और अधिक जानकारी देने के लिए कहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह कदम भारत , फ्रांस , अमेरिका और ब्रिटेन सहित दस देशों द्वारा चीन से आने वाले यात्रियों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य करने के बाद उठाया है। इन देशों द्वारा लगाई गई पाबंदियों के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन हरकत में आया है।
आपको बता दें , पांच जनवरी 2023 से चीन से इंग्लैंड जाने वाले यात्रियों को अपनी दो दिन पुरानी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने कहा है कि चीन बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। यूके ने इसे अस्थाई उपाय बताया है।
इन देशों में अनिवार्य
अमेरिका, स्पेन , दक्षिण कोरिया , जापान , इटली , इजराइल , भारत , फ्रांस और ताइवान ने भी चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है।
चीन का दावा है कि उसका कोरोनावायरस टेस्ट पारदर्शी है। हालांकि , भारत और ब्रिटेन सहित कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। जिसके बाद वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन हरकत में आ गया है। कम टेस्ट होने के कारण चीन के आधिकारिक आंकड़े विश्वसनीय नहीं हैं। चीन की कोरोना के हर रोज के आंकड़ों को लेकर आलोचना हो रही है। इस मामले को लेकर चीन के अधिकारीयों और WHO विशेषज्ञों के बीच शुक्रवार के दिन चर्चा हुई। डब्ल्यूएचओ ने चीन को अधिक डाटा प्रदान करने के लिए कहा है।