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बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के मामले में 134 पूर्व नौकरशाहों ने CJI लिखा पत्र, कहा-बहुत गलत हुआ

अगस्त 28, 2022 | by

134 former bureaucrats expressed their displeasure by writing a letter to the CJI in the case of the release of the convicts of Bilkis Bano

गुजरात दंगों में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने वाले 11 दोषियों को 15 अगस्त को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर रिहा कर दिया गया था। बिलकिस बानो के बलात्कारियों को रिहा करने के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच शनिवार के दिन 130 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर बिलकिस बानो के लिए इंसाफ की मांग की है।

गुजरात दंगे

2002 में गुजरात के गोधरा में ट्रेन में आगजनी के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इतना ही नहीं उसके परिवार के सदस्यों को भी मार दिया गया था। बिलकिस बानो की उम्र उस समय 21 साल थी और वह पांच महीने की गर्भवती थी। जिसके 6 साल बाद यानि 2008 में मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने 11 दोषियों को आरोपी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट में भी बरकरार रखा गया था।

बिलकिस से दोषी रिहा

15 अगस्त 2022 को एक कमेटी की सिफारिश के आधार पर बिलकिस बानो के सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया था। ये सभी दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। अब देश के 134 पूर्व नौकशाहों ने बिलकिस बानो के दोषियों को समय से पहले रिहा करने पर शनिवार के दिन सीजेआई को एक खुला खत लिखा और इसमें बेहद गलत फैसले को सुधारने का अनुरोध किया। उन्होंने भारत के प्रधान न्यायधीश से गुजरात सरकार द्वारा पारित इस फैसले को रद्द करने के साथ 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए वापिस जेल भेजने का अनुरोध किया।

इन पूर्व नौकरशाहों ने लिखा खत

सीजेआई को लिखे गए खुले खत में कहा गया,” भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर कुछ दिन पहले जो हुआ। उससे हमारे देश के बाकि नागरिकों की तरह हम भी स्तब्ध हैं। सीसीजी के तत्वाधान में जिन 134 लोगों ने इस खुले खत पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, सुजाता सिंह ,पूर्व गृह सचिव जी. के. पिल्लई , पूर्व केबिनेट सचिव के. एम. चंद्रशेखर और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के नाम शामिल हैं।

पूर्व नौकरशाहों ने कहा ,” बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई से देश भर में नाराजगी है। हमने आपको ये पत्र इसलिए लिखा है क्योंकि हम गुजरात सरकार के इस फैसले से बहुत व्यथित हैं। हमारा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के पास ही वह अधिकार है , जिसके जरिए वह बेहद गलत निर्णय को सुधार सकता है।

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