Sheetal Devi ने रचा इतिहास, बनीं विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियन

Sheetal Devi ने World Para Archery Championship में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने तुर्की की Oznur Kuray Girdi को 148-143 से हराया।

शीतल देवी ने तीरंदाजी में रचा इतिहास

शीतल देवी ने South Korea के Gwangju में विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। 18 वर्षीय पैरा एथलीट ने विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप 2025 के महिला कंपाउंड क ओपन इवेंट में गोड़ल मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। यह उनका पहला World Para Archery Championship स्वर्ण पदक है। जिसमें उन्होंने तुर्की की औजनुर कुरे गिरदी को 1481-43 से हराया।

कौन है पैरा एथलीट Sheetal Devi

शीतल देवी का जन्म 10 जनवरी 2007 को जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के लोईथर गांव में पैदा हुई। वह Phocomelia नामक दुर्लभ जन्मजात विकृति के साथ पैदा हुई। इस बिमारी में अंगो का विकास रुक जाता है। इस कारण वे बिना हाथों के पैदा हुई। उनके गाँव में विकलांगता को लेकर जागरूकता की कमी थी। जिससे बचपन में ही उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालांकिSheetal Devi ने अपनी कमजोरियों को ताकत में बदल लिया। बचपन में ही केवल पैरों से पेड़ पर चढ़ जाती थी। बाद में उन्होंने तीरंदाजी में अपना दम दिखाया।

शीतल देवी का परिवार

शीतल देवी एक गरीब परिवार में पैदा हुई। उनके माता पिता छोटे किसान हैं। माता पिता कभी स्कूल नहीं गए लेकिन उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा। उन्होंने Sheetal Devi को गाँव के स्कूल में भेजा। उनकी 47 वर्षीय मां शक्ति देवी किश्तवाडी भाषा बोलती हैं। शक्ति देवी ही शीतल की देखभाल करती हैं। वे अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भी शीतल के साथ रहती हैं। शीतल अपनी माँ को अपनी सफलता का श्रेय देती हैं। शीतल तीन भाई बहनों में सबसे छोटी हैं।

शीतल देवी की शिक्षा

शीतल ने अपने गाँव में स्कूली शिक्षा प्राप्त की है। 2019 में किश्तवाड़ में एक यूथ इवेंट के दौरान भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल ने उन्हें नोटिस किया। सेना ने उनकी शिक्षा और मेडिकल सहायता का समर्थन किया। शीतल (Sheetal Devi) कहती हैं ” स्कूल जाना उनके लिए खुशी का पल था। ” वर्तमान में शीतल तीरंदाजी करते हुए शिक्षा पर फोकस कर रही हैं।

तीरंदाजी के करियर की शुरुआत

2021 में भारतीय सेना द्वारा आयोजित एक यूथ इवेंट के दौरान कोच अभिलाषा चौधरी और कुलदीप की नजर शीतल पर पड़ी। शुरू में कृत्रिम हाथ के साथ तीरंदाजी करवाने का फैसला हुआ। लेकिन डॉक्टरों ने मना कर दिया। कोच अमेरिकी तीरंदाज Matt Stutzman से प्रेरित हुए और शीतल को पैरों से धनुष पकड़ना सिखाया। Sheetal Devi दाहिने पैर से धनुष पकड़ी हैं , कंधे से डोर खींचती हैं और मुंह से रिलीज टूल से तीर छोड़ती हैं। उन्होंने 2022 के एशियन पैरा गेम्स में डेब्यू किया था। वे दुनिया की एकमात्र सक्रिय महिला तीरंदाज हैं जो बिना हाथों के पर्तिस्पर्धा करती हैं।

शीतल देवी के पदक और उपलब्धियां

Sheetal Devi ने छोटे समय में ही कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। 2023 में वे सबसे युवा अर्जुन अवार्ड विजेता बनीं। 2023 में उनकी विश्व रैंकिंग 1 थी। शीतल 2024 पेरिस पैरालिंपिक में भारत की सबसे कम उम्र की पैरा पदक विजेता बनीं।

शीतल देवी के मेडल 

  • 2022 : एशियन पैरा गेम्स के मिक्स्ड डबल कंपाउंड में स्वर्ण मेडल जीता
  • 2022 : एशियन पैरा गेम्स के सिंगल इवेंट में स्वर्ण पदक
  • 2022 : महिला डबल्स कंपाउंड : रजत पदक
  • 2023 : विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में ( महिला कंपाउंड ) पहला स्वर्ण पदक जीता।
  • 2023 : एशियन चैंपियनशिप : गोल्ड मेडल
  • 2024 : पेरिस पैरा ओलंपिक्स , कांस्य पदक
  • 2024 : पेरिस पैरा ओलंपिक्स ( मिक्स्ड ) कांस्य पदक
  • 2025 : विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल
  • 2025 : विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में सरिता के साथ रजत पदक जीता
  • 2025 : विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में ( मिक्स्ड टीम कंपाउंड ) कांस्य पदक जीता।

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Scroll to Top