भारत एकमात्र लाइव कीचड़ ज्वालामुखी जो आज भी जल रहा है, का पहली बार 1983 में पता चला था। यह प्राकृतिक गैसों के उत्सर्जन से होता है।
पानी के बीच एक से बढ़कर एक अजूबे देखने के लिए टूरिस्ट का सबसे पसंदीदा स्थानों में से एक अंडेमान निकोबार है। घुमक्क्ड किस्म के लोग इस द्वीप पर छुट्टियां मनाने जाते हैं। अंडेमान निकोबार द्वीप समूह घूमने और प्रकृति का आनद लेने के लिए एक अच्छी जगह है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का एकमात्र जीवित मड ज्वालामुखी कहां है। अगर नहीं जानते हैं तो हम आपको बताते हैं। भारत का एकमात्र कीचड़ ज्वालामुखी बाराटांग द्वीप के नीलांबुर गांव में है। उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार पहली बार इस कीचड़ ज्वालामुखी का विस्फोट 1983 में हुआ था।
बता दें, मिट्टी के ज्वालामुखी का निर्माण कार्बनिक पदार्थों को भूमिगत रूप से क्षय करने वाले अवसादित ताजे पानी और प्राकृतिक गैसों के उत्सर्जन से होता है। ज्वालामुखी में जब विस्फोट होता है तो आग की लपटें नजर आती हैं। ज्वालामुखी विस्फोट की तीव्रता से ही आसपास का इलाका गर्म होता है।
अगर कीचड़ वाले ज्वालामुखी की बात करें तो, यह धीरे-धीरे शीर्ष पर बहुत ज्यादा , मलाईदार मिट्टी के गड्ढे के साथ एक लघु ज्वालामुखी बनाता है।
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