सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त होने से पहले चुनाव आयोग ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ख़िलाफ़ शिकायतों का निपटारा करते हुए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में क्लीन चिट दे दी है।
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 6 मई तक लंबित सभी शिकायतों पर निर्णय लेने के लिए निर्देश दिया था। सिल्चर से कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव द्वारा दायर एक याचीका पर विचार करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होने मोदी शाह के खिलाफ चुनाव आयोग को 11 अभ्यावेदन दिए हैं जिनमें से केवल दो पर ही निर्णय लिया गया है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने प्रधान मंत्री मोदी के दो भाषणों पर क्लीन चिट दे दी थी। पिछले महीने लातूर में प्रधान मंत्री मोदी ने पहली बार के मतदाताओं से पुलवामा हमले में मारे गए शहीदों और बालाकोट एयर स्ट्राइक के नायकों और सैनिकों के नाम पर अपना वोट समर्पित करने का आग्रह किया था। दूसरा एक अप्रैल को वर्धा में मोदी ने कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा था कि केरल निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय से अधिक मतदाता हैं।
2 मई को चुनाव आयोग ने मोदी के खिलाफ तीसरी शिकायत का निपटारा किया। जिसमें राजस्थान के बाड़मेर में उनके द्वारा दिए गए भाषण में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नही पाया गया। यहां प्रधान मंत्री ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए अपने भाषण में कहा था कि भारत का परमाणु शस्त्रागार दिवाली के लिए नही है। “हर दूसरे दिन वे कहते थे कि हमारे पास परमाणु बटन है , हमारे पास परमाणु बटन है’तो हमारे पास क्या है ?क्या हमने इसे दीवाली के लिए रखा हुआ है।” मोदी ने अपने भाषण में कहा था।
चुनाव प्रचार में विंग कमांडर अभिनंदन वापसी के उल्लेख करने के संबंध में एक शिकायत में भी शनिवार को चुनाव आयोग ने मोदी को क्लीन चिट दे दी। पिछले महीने आयोग ने चुनाव प्रचार में सशत्र बलों के फोटो और कार्यों का उपयोग करने के खिलाफ एक सलाह जारी की थी। अमित शाह द्वारा नागपुर में राहुल गांधी पर वायनाड वाली टिप्पणी पर भी चुनाव आयोग ने क्लीन चिट दे दी है। इनमें से कोई भी आदेश चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड नही किया गया है।
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