Annular Solar Eclipse: भारत में कहां देखा जा सकेगा वलयाकार सूर्यग्रहण

Annular Solar Eclipse: साल  का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार के दिन लगेगा। यह एक रिंग ऑफ फायर यानी वलयाकार सूर्यग्रहण होगा।

Annular Solar Eclipse

सूरज ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। तब वह घटना होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार जेठ महीने की अमावस्या को वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य ग्रहण लगेगा। जिस दिन वट सावित्री व्रत और सूर्य जयंती भी है।

निदेशक देवी प्रसाद बुराई कही ये बात

वर्ष के पहले सूर्य ग्रहण को केवल भारत के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। इन हिस्सों में यह सूर्य ग्रहण सूर्यास्त से पहले देखा जा सकेगा। एमपी बिरला तारामंडल के निदेशक देवी प्रसाद बुराई के अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में देखा जा सकेगा। अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्य जीव अभ्यारण्य के पास से शाम स्क्रीन 5:52 पर देखा जा सकेगा। वही लद्दाख के ऊपरी हिस्से में सूर्यग्रहण शाम 6:00 बजे देखा जा सकेगा। आज सूर्यास्त शाम 6:15 पर होगा।

इसके अलावा साल के पहले सूर्य ग्रहण को उतरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के बड़े क्षेत्र में देखा जा सकेगा। भारत में सूर्य ग्रहण 11:42 पर आंशिक होगा। यह दोपहर 3:30 पर वलयाकार रूप में परिवर्तित हो जाएगा। इसके बाद शाम करीब 4:52 पर  रिंग ऑफ फायर यानी आपकी अंगूठी की तरह दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार शाम  6:41 पर समाप्त होगा ।

जाने क्या होता है वलयाकार सूर्यग्रहण ?

जब चंद्रमा पृथ्वी से काफी दूरी पर पहुंचते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और सूरज के मध्य का पूरा हिस्सा चंद्रमा की छाया से ढक जाता है। तब सूर्य ग्रहण लगता है। इस दौरान सूरज का बाहरी भाग प्रकाशित रहता है।  इस स्थिति में चंद्रमा सूर्य के लगभग 97 % भाग को ढक लेता है। जिसके कारण धरती से सूर्य देखने में आपको अंगूठी की तरह चमकता हुआ दिखाई देता है। इस घटना को वलयाकार सूर्यग्रहण या रिंग ऑफ फायर कहा जाता है।

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