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बिलकिस बानो रेप केस के आरोपी घर से भागे, दो हफ्ते में जेल भेजने का है आदेश

जनवरी 9, 2024 | by

11 accused in Bilkis Bano rape case ran away from home, order to send them to jail in two weeks

Bilkis Bano rape case: सोमवार के दिन सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को रद्द करते हुए बिलकिस बानो से गैंगरेप करने वाले सभी 11 दोषियों को वापस जेल भेजने का आदेश दिया था। अदालत के फैसले के कुछ घंटे बाद ये सभी आरोपी अपने-अपने घर छोड़ कर भाग गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिलकिस बानो मामले में अपना फैसला सुनाते हुए सभी 11 आरोपियों वापस जेल भेजने का आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने गुजरात सरकार पर अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वला भुइयां की पीठ ने बिलकिस बानो मामले में फैसला सुनाते हुए गुजरात सरकार को फटकार लगाई।

शीर्ष अदालत ने 2002 के दंगो के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों उम्र कैद की सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को दो हफ्ते के अंदर जेल भेजने का निर्देश भी दिया। अदालत के फैसले की कुछ देर बाद ही सभी दोषी अपने-अपने घर छोड़ कर भाग गए हैं। बताया जा रहा है कि सभी दोषियों के घरो पर ताले लगे हुए हैं।

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9 दोषी 2 गांव

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सिंगवाड़ और रंधिकपुर गांवों रहते चले आ रहे 9 दोषियों के घरों पर ताले लगे हुए हैं। कुल 11 दोषियों में से 9 इन्ही दो गांवों में रहते हैं। अब वे सभी लापता बताए जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सभी दोषी फैसले के कुछ घंटे बाद ही घर छोड़ कर भाग गए हैं। ग्रामीण भी इस बात को लेकर खामोश हैं कि वे सभी कहां गए हैं। दोनों गांव आसपास ही हैं।

कोर्ट का फैसला

सोमवार को जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस उज्ज्वला भुइयां की बेंच ने कहा कि गुजरात सरकार ने बिना सोचे समझे ही दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है। इस मामले में वही राज्य फैसला दे सकता है जहां केस की सुनवाई हुई थी। बता दें, बिलकिस बानो से गैंगरेप केस की सुनवाई महाराष्ट्र में हुई थी। घटना के समय बिलकिस बानो 21 साल की थी और पांच माह की गर्भवती भी थी। बिलकिस बानो से गोधरा कांड के बाद साल 2002 में भड़के दंगो के दौरन गैंगरेप किया गया था। उसके परिवार के 7 सदस्यों की भी हत्या कर दी गई थी। गुजरात सरकार ने 15 अगस्त 2022 के दिन सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था।

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गोधरा कांड

गोधरा ट्रेन अग्निकांड के तुरंत बाद 28 फरवरी 2002 को, बिलकिस बानो और उसके परिवार ने रणधिकपुर गांव छोड़ दिया था। 3 मार्च 2002 को दाहोद के लिमखेड़ा तालुका में भीड़ ने बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। उसकी 3 साल की बेटी सहित उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। 21 जुलाई 2008 को सीबीआई के विशेष अदालत ने सभी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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