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किसान आंदोलन के समर्थन में एबीपी न्यूज़ के पत्रकार रक्षित सिंह ने छोड़ी नौकरी, कहा-लात मारता हूं मैं ऐसी नौकरी पर जहां सच नहीं दिखाया जाता

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान पिछले 3 महीनों से भी ज्यादा समय से देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई मीडिया संस्थान किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं । वहीं कुछ चुनिंदा न्यूज़ चैनल ऐसे हैं जो लोगों के आंदोलन की सच्चाई दिखा रहे हैं। इसी बीच एबीपी न्यूज़ चैनल के सीनियर पत्रकार रक्षित सिंह ने किसान आंदोलन में अपनी नौकरी छोड़ने का ऐलान किया है ।

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान पिछले 3 महीनों से भी ज्यादा समय से देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई मीडिया संस्थान किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं । वहीं कुछ चुनिंदा न्यूज़ चैनल ऐसे हैं जो लोगों के आंदोलन की सच्चाई दिखा रहे हैं। इसी बीच एबीपी न्यूज़ चैनल के सीनियर पत्रकार रक्षित सिंह ने किसान आंदोलन में अपनी नौकरी छोड़ने का ऐलान किया है ।

TV9 भारतवर्ष के पूर्व पत्रकार विनोद कापड़ी द्वारा अपने ट्विटर पर इस से जुड़ा एक वीडियो साझा किया गया है। उन्होंने लिखा,” एबीपी न्यूज के रिपोर्टर रक्षित सिंह के पिता का देहांत 10 साल पहले हो गया। 1200000 रूपये के सालाना पैकेज वाला रक्षित सिंह घर का अकेला कमाऊ सदस्य है। लेकिन रक्षित सिंह ने कवरेज से नाराज होकर किसान महापंचायत में अपना इस्तीफा दे दिया। रक्षित जैसी रीड काश संपादकों /एंकर की भी होती।”

मेरठ में हुई किसान महापंचायत के दौरान रक्षित सिंह ने कहा कि मेरे मां-बाप ने अपने खून पसीने की कमाई से मुझे पढ़ा लिखा कर इस काबिल बनाया कि मैं इस पेशे को चुन पाया।

महापंचायत में रक्षित सिंह ने कहा,” मैंने इस पेशे को इसलिए चुना क्योंकि मैंने सच दिखाना था ।लेकिन हमें न्यूज़ चैनल द्वारा सच नहीं दिखाने को दिया जा रहा है । आज मैं इस नौकरी को लात मारता हूं।

उन्होंने आगे कहा,’ मैंने सालों तक इस पेशे में नौकरी की है। आज तक मुझ पर कोई किसी भी तरह का आरोप नहीं लगा सकता।” रक्षित सिंह ने आगे बताया कि आज की तारीख में मुझे 1 साल का 1200000 रुपए पैकेज दिया गया है। घर में बीवी बच्चे और बूढ़ी मां है । जिनका पालन पोषण करने की जिम्मेदारी मुझ पर है।

किसान आंदोलनों की महापंचायत में रक्षित सिंह ने आगे कहा,” हर रोज में अपनी बीवी से यह सवाल पूछता हूं कि अगर मैंने यह नौकरी छोड़ दी तो बच्चों का पालन पोषण कैसे करूंगा ? क्योंकि मैं जानता हूं नौकरी छोड़ने के बाद में मुझ पर एफ आई आर दर्ज करवाई जाएगी । मुकदमे किए जाएंगे । हो सकता है कि मैं सड़क पर जा रहा हूं और मुझ पर ट्रक चढ़ जाए।

रक्षित सिंह ने कहा कि आज न्यूज़ चैनल द्वारा मुझे इस किसान महापंचायत को कवर करने के लिए भेजा गया था । जहां । मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया है ।

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