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हरियाणा: अंबाला में किसानों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर के काफिले को रोका

दिसम्बर 24, 2020 | by pillar

Haryana: Farmers stopped CM Manohar Lal Khattar’s convoy in Ambala

हरियाणा के अंबाला जिले में कृषि विधेयक के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के काफिले को कथित तौर पर रोकने का प्रयास किया।

कृषि बिल

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हाल ही में तीन कृषि कानून पारित किए थे। जिसको लेकर नाराज किसान देशभर में आंदोलन कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और केरल सहित देशभर के किसान इन कृषि कानूनों को सरकार द्वारा रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं।

कड़ी ठंड में किसानों के हौंसले बुलंद

कृषि कानून के खिलाफ किसानों के धरना प्रदर्शन को आज 29 दिन हो गए हैं। किसान कड़ी ठंड में सिंघु बॉर्डर,टिकरी बॉर्डर, सोनीपत,पानीपत, कैथल,अंबाला, पंजाब और दिल्ली के बुराड़ी मैदान पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।हालांकि,इसी एक महीने के दौरान किसानों और केंद्र सरकार के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है। लेकिन अभी तक बेनतीजा रही है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा के काफी नेता,किसानों को कृषि बिल के फायदे बता रहे हैं,लेकिन लाखों किसानों को ये बिल मंजूर नहीं हैं। इन सब से इतर, गुरुवार सुबह के समय हरियाणा के अंबाला में किसानों ने राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के काफिले को कथित तौर रोकने का प्रयास किया है।

सीएम खट्टर का काफिला रोका गया

सीएम खट्टर के काफिले को रोकने का प्रयास करने वाले 13 किसानों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।इस बात की जानकारी अंबाला के डीसीपी मदन लाल ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दी है। जानकारी देते हुए उन्होंने कहा,” हमने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 13 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं और जांच जारी है।”

“हमने धारा 307 (हत्या का प्रयास) ,147 ( दंगा करने के लिए सजा) 148 (हथियार के साथ दंगा करना )  506 (आपराधिक धमकी ) 322 (जानबूझकर चोट पहुंचाना )  149 और 353 धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं।” डीसीपी मदन लाल ने एएनआई को बताया।

दूसरी तरफ,भारतीय किसान यूनियन नेता बिंदर सिंह गोलेवाला ने दिल्ली के बुराड़ी मैदान पर एजेंसी को बताया,” जब तक काले कानून रद्द नहीं होंगे तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।हमारे हौंसले बुलंद हैं।सरकार जितनी जल्दी हो सके ये कानून रद्द कर दे नहीं तो संघर्ष और बड़ा होगा।हमें दुनिया का सहयोग मिल रहा है।”

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