Site icon www.4Pillar.news

भाजपा राज में अब तक की हुई तमाम भर्तियों की हो उच्च स्तरीय जांच और भंग हो चयन आयोग-योगेश्वर शर्मा

भाजपा राज में अब तक की हुई तमाम भर्तियों की हो उच्च स्तरीय जांच और भंग हो चयन आयोग-योगेश्वर शर्मा

पंचकूला:  आम आदमी पार्टी का कहना है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से की गई भर्तियों में हुए गड़बड़ घोटालों का दिन प्रतिदन पर्दाफाश हो रहा है। अब महिला सिपाही भर्ती में हुआ फर्जीवाड़ा भी सामने आ रहा है। पार्टी का कहना है कि हरियाणा महिला सिपाही भर्ती में जो फर्जीवाड़ा सामने आया है, उसमें 1100 पदों पर चयनित अभ्यार्थियों में से 72 के शपथपत्र झूठे निकले हैं कि उनके घर में पहले से कोई सरकारी नौकरी में नहीं है।

पार्टी का कहना है कि राज्य कर्मचरी चयन आयोग इस मामले से स्वयं को पाक साफ नहीं करार दे सकता। क्योंकि चयन प्रक्रिया के दौरान एक एक कागज की पूरी तरह से जांच होती है और यह एक-दो का नहीं बल्कि 72 युवतियों की ओर से झूठे शपथपत्र देने का मामला है जिसको यूं ही अनदेखा नहीं किया जा सकता। पार्टी का कहना है कि यह चूक जानबूझकर की गई लगती है।

राज्य कर्मचारी चयन आयोग का हो पुर्नागठन

पार्टी ने इसके लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भी भंग कर इसका नये सिरे से पुर्नागठन किये जाने की मांग की है। आज यहां जारी एक ब्यान में पार्टी के उत्तरी हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा ने कहा कि यह गड़बड़ घोटाला आम व योग्य युवा वर्ग के साथ धोखा है। इस पूरे मामले की जांच पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायधीश से करवाई जानी चाहिए ताकि सच सामने आ सके कि इसमें कौन बड़े बड़े लोग शामिल हैं और उन पर किन उच्च पदों पर आसीन लोगों का हाथ है।

भर्ती मामले में हुई गडगड़ी की हो उच्च स्तरीय

योगेश्वर शर्मा ने सिपाही भर्ती मामले में हुई गडगड़ी की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों पर पर्ची व खर्ची का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी युवाओं को रोजगार देने के नाम पर भी हरियाणा में सत्ता में आई थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि योग्य युवाओं को रोजगार देना तो दूर, उन्हें भटकाया व परेशान किया गया। पर्ची व खर्ची भी पहले से बढ़ गई। उन्होंने कहा कि योग्य युवाओं की अनदेखी के चलते ही आज हरियाणा बेरोजगारी में नंबर एक पर पहुंच गया है और यहां के योग्य युवा रोजगार न मिलनके कारण विदेशों की ओर रुख कर रहे हैं,जोकि प्रदेश सरकार की नालायकी को दर्शाता है।

Exit mobile version