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दो दिवसीय लद्दाख के दौरे पर पहुंचे थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे लेंगे सुरक्षा का जायजा

भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी दी है कि थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे हालिया सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए लद्दाख सेक्टर में दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे।

भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी दी है कि थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे हालिया सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए लद्दाख सेक्टर में दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे।

थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे लद्दाख सेक्टर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। वहां वह सर्दियों से पहले लद्दाख सीमा पर सुरक्षा के हालात की समीक्षा करेंगे। इस बात की जानकारी शुक्रवार के दिन रक्षा मंत्रालय एकीकृत हेडक्वार्टर के अतिरिक्त जनसूचना महानिदेशालय ने दी है। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान जनरल नरवणे लद्दाख क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और परिचालन की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।

सेना प्रमुख लद्दाख सेक्टर में जवानों से बातचीत भी करेंगे। इंडियन आर्मी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए कहा,” जनरल एमएम नरवणे मौजूदा सुरक्षा स्थिति और परिचालन तैयारियों की समीक्षा के लिए लद्दाख सेक्टर के दो दिवसीय दौरे पर है। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सबसे कठिन मौसम की स्थिति में तैनात जवानों के साथ बातचीत भी करेंगे।”

सेना प्रमुख के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है

दूसरी तरफ सेना प्रमुख जनरल नरवणे का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल सर्दी के मौसम में तेज बर्फबारी के होने के कारण लद्दाख का हिस्सा देश के अन्य हिस्सों से कट जाता है। ऐसे में भारत चीन सीमा पर तैनात भारतीय जवानों का उत्साह बढ़ाने और ठंड में भी सीमा पर डटे रहकर भारत की रक्षा के लिए सेना प्रमुख अपने प्रवास के दौरान उन कठिन इलाकों में जाकर वहां तैनात जवानों के साथ बातचीत करेंगे और उनका हौसला बढ़ाएंगे।

चीन के साथ हालात तनावपूर्ण

आपको बता दें कि फिलहाल भारत और पड़ोसी मुल्क चीन के बीच हालात तनावपूर्ण चल रहे हैं। पिछले साल से ही कोरोनावायरस महामारी के दौरान चीन ने कई बार पूर्वी लद्दाख के सभी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की थी। वहीं अप्रैल महीने के अंत में चीन की सेना ने गलवान घाटी में भी बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी थी। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। जिनमें सेना का एक कर्नल भी था। हालांकि चीनी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस झड़प में चीन की पीएलए आर्मी के कई जवान भी शहीद हुए थे।

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