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अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह को सरकारी स्कूलों पर दी चुनौती

सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में गृह मंत्री अमित शाह पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर निशाना साधते हुए उन्हें चुनौती दी है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में गृह मंत्री अमित शाह पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर निशाना साधते हुए उन्हें चुनौती दी है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा,” अमित शाह जी ने दिल्ली के स्कूलों के बारे में और दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था के बारे में काफी गलत सलत बोला है। हम हमेशा से इस पक्ष में रहे हैं की शिक्षा राजनीति का हिस्सा बननी चाहिए। वोट इस बात पर पढ़ने चाहिए कि आपने स्कूल अच्छे कराए या नहीं कराए।आपने बच्चों की पढ़ाई अच्छी की या नहीं की। इससे देश आगे बढ़ेगा।लेकिन स्कूलों के ऊपर गंदी राजनीति नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा ,” जो माननीय गृह मंत्री ने बोला है दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था के ऊपर स्कूल खराब है बच्चों की पढ़ाई खराब है। आज पुरे देश में पूरी दुनिया के अंदर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की तारीफ हो रही है। अगर शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो रही है तो इससे तो देश आगे बढ़ेगा ना। तो जब अच्छा काम हो रहा है कहीं पर भी अच्छा काम हो रहा है ,कोई भी सरकार कर रही है उसको इस तरह से गंदी राजनीति के बीच में लाना देश के लिए अच्छी बात नहीं है।

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा ,” मैं आज अमित शाह जी को आमंत्रण देता हूं। आप समय बताइए मैं सारे अपॉइंटमेंट्स कैंसल करके आता हूँ आपके पास। मैं आपको दिल्ली के स्कूलों में लेकर चलता हूं। आप बताइए कौन से स्कूल में चलना चाहेंगे मैं आपको लेकर चलता हूं और दिल्ली के स्कूल दिखाता हूँ। हम ये नहीं कह रहे सबकुछ अच्छा हो गया। हमें बहुत कुछ करना बाकी है/ लेकिन बहुत कुछ अच्छा हुआ है पिछले 5 साल के अंदर। 70 के अंदर जो गंद फैला कर रखा था उसको साफ करने की कोशिश की हम लोगों ने। स्कूल बहुत अच्छे हुए हैं ,अभी बहुत कुछ करना बाकी है लेकिन बहुत अच्छे हुए हैं और यह हम लोगों ने नहीं किए। अमित शाह जी को कहना चाहता हूं तो 16 लाख बच्चे जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। आज ये उनके मेहनत का नतीजा है कि दिल्ली के स्कूल अच्छे हो रहे हैं। “

केजरीवाल ने आगे कहा ,” आज दिल्ली के अंदर जो 60 , 65 हजार टीचर काम कर रहे हैं उनके मेहनत का नतीजा है कि स्कूल अच्छे हैं जो प्रिंसिपल काम कर रहे हैं उनका नतीजा। मैं अमित जी से कहना चाह रहा हूँ कि आपके बयान से उन 16 लाख बच्चों का ,65000 टीचर का अपमान हुआ है उन 16 बच्चों के पेरेंट्स का अपमान हुआ है। इन 16 लाख बच्चों के पैरंट्स ने मेहनत की थी इन बच्चों ने मेहनत की थी तब दिल्ली के 12 वीं क्लास के 96 परसेंट नतीजे आए थे।

आगे बोलते हुए दिल्ली सीएम ने कहा ,” आपको हमसे प्रॉब्लम है। आप हमें गाली दे लीजिए। दिल्ली के 1600000 बच्चों की मेहनत और उनके पेरेंट्स की मेहनत को गाली मत दीजिए। बच्चों की मेहनत को गाली मत दे। 12 वीं क्लास के बच्चों के 96 फ़ीसदी बच्चे पास हुए थे रात रात भर हमारे बच्चों के पेरेंट्स जागे अपने बच्चों के साथ. टीचर ने मेहनत की थी। प्रिंसिपल ने मेहनत की थी। हमारे स्कूलों में सबसे ज्यादा बच्चे जेईई एंट्रेंस किया। 400 से ज्यादा बच्चों ने इंजीनियरिंग, आईआईटी का एग्जाम क्लियर किया। बच्चों की मेहनत का मजाक उड़ा रहे हो आप उन बच्चों के पेरेंट्स के मेहनत का मजाक उड़ा रहे हो। मैं उनसे कहना चाहता हूं अमित शाह जी आपको क्या पता शिक्षा क्या होती है। शिक्षा को आप अपनी गंदी राजनीति का हिस्सा मत बनाइए। आप लोगों की इतने राज्यों में सरकार है ,केंद्र में सरकार है कोई एक स्कूल को दिखा दो जो आपने ठीक करा हो।”

https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1221002267287085056

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा ,” मैं आपको आमंत्रित कर रहा हूँ। चलिए मेरे साथ। मैं आपको अपने बच्चों से मिलवाऊंगा वो आपको थोड़ी पॉजिटिविटी देंगे अच्छा लगेगा। मैं सभी बच्चों से पूछना चाहता हूँ। मैं अपने 16 लाख बच्चों से पूछना चाहता हूँ कि कल टीवी के ऊपर अपने गृहमंत्री जी का बयान सुना आपको लगता है कि गृहमंत्री को आप की मेहनत का इस तरह से मजाक उड़ाना चाहिए क्या आपको लगता है कि अमित शाह ठीक कर रहे हैं। जो आपकी मेहनत का मजाक उड़ा रहे हैं। 5 साल के अंदर आपने इतनी कड़ी मेहनत करके इतना अच्छा काम किया है। मैं उन्हें कहना चाहता हूँ आप सकारात्मक राजनीति कीजिए। यूपी के स्कूल अच्छे कीजिए। आप हरियाणा स्कूल अच्छे कीजिए।यूपी हरियाणा छोड़िए आप एम सीडी के स्कूल अच्छे कीजिए। फिर आप आकर कहिए मुझसे कि केजरीवाल आओ मेरे स्कूल देखो और अपने दिल्ली सरकार के स्कूल देखो।ये सकारात्मक राजनीति है। आइए सकारात्मक राजनीति करते हैं। “

दिल्ली सीएम ने आगे कहा ,”आप केवल चुनाव के अंदर गंदी राजनीति करने के लिए आ गए हैं। मैं आपसे हाथ जोड़ कर अपील करना चाहता हूं कि स्कूलों पर गंदी राजनीति मत करिए।”

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