Site icon 4pillar.news

अरविंद केजरीवाल ने वीडियो जारी कर अमित शाह को कहा दिल्ली वालों का मज़ाक मत उड़ाओ

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने वीडियो जारी कर अमित शाह को कहा दिल्ली वालों का मज़ाक मत उड़ाओ। दिल्ली वालों ने कड़ी मेहनत कर दिल्ली को संवारा है।

दिल्ली वालों का मज़ाक मत उड़ाओ अमित शाह

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने वीडियो जारी कर अमित शाह को कहा दिल्ली वालों का मज़ाक मत उड़ाओ। दिल्ली वालों ने कड़ी मेहनत कर दिल्ली को संवारा है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा ,” मै पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूँ।अमित शाह जी रोज़ आते हैं और अपने चुनाव प्रचार में दिल्ली वालों का अपमान कर के चले जाते हैं । ये तो ठीक नहीं है।पिछले 5 साल में दिल्ली के लोगों ने खूब कड़ी मेहनत की है। लोगों मेहनत करके अपनी दिल्ली को सँवारा है।

सीएम केजरीवाल ने वीडियो में कहा ,” दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने अपने स्कूल अस्पताल बिजली पानी ठीक किए हैं। लेकिन अमित शाह जी आते हैं और दिल्ली वालों की 5 साल की मेहनत का मज़ाक उड़ा कर चले जाते हैं। कुछ दिन पहले अमित शाह जी आए वो बोले दिल्ली में एक भी सीसीटीवी कैमरा नही लगा। अगले दिन वहां के लोगों ने उनको उनके भाषण की सीसीटीवी के रिकॉर्डिंग भेज दी । बोले कल जहां भाषण दे रहे थे ना उसके ऊपर ही आसपास कहीं सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे।”

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा ,” 200000 कैमरे लगाए हैं और आप कहते हैं हमने कितने कैमरे लगाए हैं। कैमरे लगाए हैं और आपने दिल्ली में कितने कैमरे लगाए ? दिल्ली वालों का मज़ाक उड़ाने की बजाय आपकी केंद्र सरकार और कुछ कैमरे लगवा देते तो ज्यादा बेहतर नहीं होता ?”

https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1221387337357070336

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बारे में बोलते हुए केजरीवाल ने कहा ,” दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे 96 परसेंट आए। 16 लाख बच्चों ने खूब मेहनत की बच्चों के माता-पिता ने रात रात भर जागके बच्चों के साथ मेहनत की है। भारत के इतिहास में कभी किसी राज्य के सरकारी स्कूलों के, 96, परसेंट नतीजे नहीं आए। हमें अपने बच्चों की कामयाबी पर गर्व है। आपको पता है पिछले कुछ सालों से हर साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 400 से ज्यादा बच्चे आईआईटी जेईई का एग्जाम पास कर रहे हैं । आपको पता ही देश की सबसे कठिन परीक्षा होती है। आप इन बच्चों की मेहनत का मज़ाक उड़ा कर चले जाते हैं। ये तो ठीक नहीं है ।

अरविंद केजरीवाल आगे बोले ,” आपने कहा ,पढ़ाई बहुत खराब है। जो बच्चों ने आपका यह बयान टी वी पर देखा उनको बहुत बुरा लगा। बहुत दुख हुआ मुझे बच्चों के पैरंट्स ने आकर बताया कि उन्होंने टीवी उनका बयान सुना उन्हें बहुत बुरा लगा । अच्छी राजनीति तो ये होती कि आप दिल्ली के लोगों से सीख के हरियाणा और यूपी के स्कूलों को ठीक करते । और दूर क्यों जाना ,एमसीडी के स्कूल ठीक कर दो। तब तो आपको मानता। दिल्ली वालों की मेहनत का मज़ाक उड़ाना गृहमंत्री जी को शोभा नहीं देता । आप थोड़ा थोड़ा समय निकाल लो मेरे बच्चों से और उनके पेरेंट्स से मिलवाता हूँ ।उनके पेरेंट्स और टीचर से मिलवाता हूं आपको यकीन दिलाता हूं आपको इनसे मिलकर अच्छा लगेगा। “

सीएम केजरीवाल ने आगे कहा ,” 5 साल में दिल्ली वालों ने दिल्ली के विकास के लिए के खूब टैक्स इकट्ठा किया। एक तरफ केंद्र सरकार को इनकम टैक्स इकट्ठा करने में इतनी दिक्कत हो रही है। हर साल आपके टारगेट पूरा नही होते। वहीं दिल्ली वालों ने दिल खोलकर टैक्स दिया। 5 साल में हमारी दिल्ली का टैक्स डबल हो गया। 30 हजार करोड़ से बढ़कर 60 हजार करोड़ रुपए हो गया दिल्ली का टैक्स । दिल्ली वालों ने अपने खून पसीने की कमाई से टैक्स देकर पिछले 5 साल में अपनी दिल्ली को संवारा है । और आप रोज आकर दिल्ली वालों की मेहनत का मज़ाक उड़ा कर चले जाते हो। “

अपने वीडियो में केजरीवाल ने आगे कहा ,” आपको दिल्ली के लोगों ने पुलिस दी है एमसीडी दी है। आप ये बताइए, आपने इन विभागों में क्या क्या अच्छा काम किया? अपने काम गिनाइए। दिल्ली वालों का रोज़ मज़ाक क्यों उड़ाते हो? आपके लोग दिल्ली वालों को बिकाऊ बोल रहे हैं? क्योंकि दिल्ली वालों को फ्री स्कूल अस्पताल और बिजली मिल रही है, इसलिए ? केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से इतनी महँगाई हो गई है कि एक आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। तो दिल्ली सरकार ने महँगाई से थोड़ी सी राहत देने के लिए कुछ बिजली पानी मुफ्त कर दिया तो दिल्ली वाले बिकाऊ हो गए? ये तो तो ठीक नहीं है।”

अरविंद केजरीवाल ने अंत में कहा ,” दिल्ली के हम 2 करोड़ लोग एक परिवार की तरह है। चाहे किसी भी पार्टी को कोई क्यों ना हो हम सारे एक दूसरे के सुख दुख में काम आते हैं । सब मिलकर दिल्ली को संभालते हैं ।अमित शाह जी मैं उम्मीद करता हूं अब आगे आप दिल्ली वालों की मेहनत और उपलब्धियों का अपमान नही करेंगे। नमस्कार।

Exit mobile version