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शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से मिली राहत, 15 हजार के मुचलके पर अदालत ने दी जमानत

Arvind Kejriwal gets: अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से मिली राहत

Arvind Kejriwal gets: दिल्ली की शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है अदालत ने उन्हें 15 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी है। केजरीवाल आज शनिवार को ईडी की दो शिकायतों के आधार पर कोर्ट में पेश हुए थे।

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने ईडी के समन पर पेश न होने को लेकर जांच एजेंसी की दो शिकायतों के आधार पर केजरीवाल को आज 16 मार्च को तलब किया था। अदालत में पेश हुए अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने 15 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी है।

अदालत में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि बेल बॉन्ड स्वीकार कर उनके मुवक्किल को जाने दिया जाए। वकील ने कहा कि दिल्ली की शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पुरे दस्तावेज नहीं दिए हैं। दस्तावेज भी दिए  जाएं। अदालत ने दोनों पक्षों को दस्तावेज पेश करने के लिए कहा। वकील गुप्ता ने कहा कि बेल बॉन्ड भर दिया गया है। इसके बाद अदालत ने बेल बॉन्ड स्वीकार कर केजरीवाल को जमानत दे दी।

Arvind Kejriwal gets: केजरीवाल को 15 हजार के निजी मुचलके पर जमानत

राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील गुप्ता ने कहा बेल बॉन्ड स्वीकार कर उनके मुवक्किल को जाने की अनुमति दी जाए और बहस जारी रखी जाए। इस पर ईडी के वकील ने कोई आपत्ति नहीं जताई। अदालत की तरफ से जो समन दिया गया था उस मामले में केजरीवाल को जमानत मिल गई। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15-15 हजार के निजी मुचलके और एक लाख की श्योरिटी पर जमानत दे दी।

क्या है मामला ?

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को नियमति पेशी से छूट दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 1 अप्रैल 2024 को होगी। बता दें, दिल्ली की शराब नीति मामले में जांच एजेंसी आठ बार अरविंद केजरीवाल को समन भेज चुकी है। आठों बार केजरीवाल ने समन को गैरकानूनी बताते हुए ठेंगा दिखाया है।

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हमारा रुख स्पष्ट है

दिल्ली की आम आदमी पार्टी के लीगल हेड संजीव नासियर ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर कहा कि हमें अदालत पर पूरा विश्वास है। लीगल हेड ने कहा,” प्रवर्तन निदेशालय के समन पर हमारा रुख स्पष्ट है, वे कानून का अनुरूप नहीं हैं और अवैध हैं। इसका फैसला अब्ब कोर्ट करेगा। “

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