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Internet Shutdown: मणिपुर हिंसा हो या किसान आंदोलन, इंटरनेट शटडाउन के मामले में भारत लगातार पिछले छह साल से दुनियाभर में शीर्ष स्थान पर है

मई 17, 2024 | by

Be it Manipur violence or farmers’ movement, India has been at the first position in the world in terms of internet shutdown for six consecutive years

कई देशों की सरकारें अपने खिलाफ आंदोलन होने पर अन्य प्रतिबंधों के साथ इंटरनेट पर भी बैन लगा देती हैं। भारत इंटरनेट शटडाउन के मामले में पिछले छह साल से दुनिया भर में शीर्ष स्थान पर है। इस बारे में डिजिटल अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करने वाले गैर-लाभकारी संगठन Access Now ने अपनी रिपोर्ट छापी है।

इंटरनेट शटडाउन के मामले में भारत नंबर वन बना

Access Now ने 2016 के बाद अब तक पुरे विश्व में 1458 इंटरनेट शटडाउन दर्ज किए हैं। जिनमें से 773 यानि 53 फीसदी बंद भारत में हुए हैं। भारत में पिछले साल इंटरनेट शटडाउन के 116 मामले दर्ज किए हैं। जो विश्व स्तर पर 283 में से 41 फीसदी हैं। इस मामले में भारत पिछले 6 साल से शीर्ष पर बना हुआ है।

2016 के बाद एक्सेस नाउ द्वारा दर्ज किए गए 1458 शटडाउन में से 773 भारत में हुए हैं। भारत में 2022 में नेट बैन के 201 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि 2023 में ये संख्या बढ़कर 283 हो गई। यानि 2023 में इंटरनेट पर पाबंदी के मामलों में उससे पिछले साल के मुकाबले 41 फीसदी की वृद्धि हुई।

अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा इंटरनेट शटडाउन का असर

गैर-लाभकारी संगठन एक्सेस नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इंटरनेट शटडाउन का असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। अकेले  2023 में इंटरनेट पर पाबंदी के कारण पहली छमाही में भारत को 1.9 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। वहीं, विदेशी निवेश में 118 मिलियन डॉलर का नुक्सान हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया कि एक दिन के शटडाउन के कारण देश में 379 लोगों को बेरोजगारी की तरफ धकेला जा सकता है।

वहीं, भारत में 64 ऐसे शटडाउन हुए जिनका प्रभाव एक से अधिक जिलों पर पड़ा। यह मणिपुर में 47 बार बंद हुआ। ( मेइती, कुकी हिंसा के कारण) जबकि इसी साल मार्च महीने में किसान आंदोलन के चलते पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों में इंटरनेट बंद रहा।

इन लोगों पर पड़ा इंटरनेट शटडाउन का प्रभाव

वहीं, मणिपुर  में 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद 3 दिसंबर तक 212 दिन बंद रहा। रिपोर्ट में बताया गया कि मणिपुर और देश के अन्य राज्यों में इंटनेट शटडाउन का प्रभाव महिलाओं, बच्चों और दिहाड़ी मजदूरों के साथ छात्रों और वर्क फ्रॉम होम करने वालों पर पड़ा।

इंटरनेट पर सबसे ज्यादा पाबंदी लगाने वाले देशों की लिस्ट

भारत के 13 राज्यों में स्थानीय या राज्यव्यापी इंटनेट शटडाउन किया गया। पांच से अधिक शटडाउन वाले राज्यों की संख्या 2022 में 3 थी जो 2023 में बढ़कर 7 हो गई थी। वहीँ, भारत के बाद देश में इंटरनेट पर पाबंदी लगाने के मामले में म्यांमार दूसरे स्थान पर है।

म्यांमार में 2023 में 37 बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई। उसके बाद ईरान में 34 बार शटडाउन किया गया। पाकिस्तान में 7 बार और ईराक में छह बार शटडाउन किया गया। इन देशों के अलावा फिलिस्तीन में 16 बार और यूक्रेन में 8 बार शटडाउन देखा गया।

इस वजह से लगाया गया इंटरनेट पर बैन

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2023 में भारत समेत 9 देशों में 74 नेट बैन हिंसा के कारण हुए। जबकि 15 देशों 63 इंटरनेट शटडाउन विरोध प्रदर्शनों के कारण हुए। इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपनी सरकारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए थे। इसी वर्ष, परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए छह देशों में 12 बार इंटनेट शटडाउन हुए। इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी चार देशों में इंटरनेट शटडाउन के आदेश दिए गए।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रतिबंध

इंटरनेट शटडाउन के अलावा कई देशों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी बैन लगाया। 2023 में प्लेटफार्म ब्लॉक के मामले 35.6 फीसदी बढ़े। साल 2022 में भारत सहित 29 देशों में 39 सोशल मीडिया प्लेटफार्म को ब्लॉक किया गया था। जबकि 2023 में 25 देशों ने 53 प्लेफॉर्म को ब्लॉक किया।

बैन हुए ये सोशल मीडिया प्लेटफार्म

ग्रिंडर फेसबुक के बाद दूसरा सबसे अधिक ब्लॉक् किया जाने वाला सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। फेसबुक को 11 देशों में 23 बार ब्लॉक किया गया है। इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर को 10 देशों में 21 बार ब्लॉक किया गया। यूट्यूब को 7 देशों में 17 बार, व्हाट्सएप को 9 देशों में 19 बार ब्लॉक किया  गया। वहीं ग्रिंडर को 12 देशों ने 12 बार ब्लॉक किया था।

इन सभी प्लेटफॉर्म्स को किसी देश की सरकार ने वहां की नीतियों को पूर्ण रूप से लागु न करने या फिर सरकार और प्लेटफार्म के बीच कुछ मतभेदों के कारण बंद किया। इनपुट: Access Now

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